समाज में खुलेआम नफरत की भावना परेशान करने वाली है: नसीरुद्दीन शाह


open hate and voilence is troubling says nasiruddin shah

 

अभिनेता नसीरूद्दीन शाह ने कहा कि वह भीड़ हिंसा की घटनाओं को लेकर अपने बयान पर कायम हैं लेकिन वह समाज में ”खुलेआम हिंसा” से बहुत व्यथित हैं.

पिछले साल 69 वर्षीय अभिनेता ने भीड़ के हाथों हिंसा की घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा था कि कई जगहों पर किसी पुलिसकर्मी की मौत के बजाय गाय की मौत को अधिक अहमियत दी जा रही है.

‘इंडिया फिल्म प्रोजेक्ट’ में शाह के साथ बातचीत में अभिनेता आनंद तिवारी ने उनसे पूछा था कि क्या राजनीतिक एवं सामाजिक मुद्दों पर उनके विचारों का फिल्म बिरादरी में उनके संबंधों पर असर पड़ता है.

इस पर उन्होंने कहा, ”फिल्म उद्योग या फिल्म से जुड़े लोगों से किसी मामले में कभी भी उनके करीबी रिश्ते नहीं रहे हैं. मैं नहीं जानता कि इससे मेरे रुख पर कोई प्रभाव पड़ता है या नहीं, क्योंकि अब मुझे काम बहुत कम मिलता है. मैं बस यही महसूस करता हूं कि मैं अपने विचारों पर कायम रहता हूं.”

अभिनेता ने कहा, ”मैंने लोगों की बहुत गालियां सुनी हैं, जिनके पास कुछ बेहतर करने के लिए नहीं है. लेकिन यह मुझे बिल्कुल प्रभावित नहीं करती हैं. परेशान करने वाली जो बात है वह है समाज में खुलेआम नफरत की भावना.”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुला पत्र लिखने वाले 49 सेलिब्रिटी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की हाल में निंदा करने वाले सांस्कृतिक समुदाय के उन 180 से अधिक सदस्यों में शाह भी शामिल थे. इन सदस्यों में शाह के साथ सिनेमैटोग्राफर आनंद पटवर्धन, इतिहासकार रोमिला थापर और सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर भी शामिल थे.


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