प्रतिबंधित संगठनों को ‘उच्च जोखिम’ की सूची में डालेगा पाकिस्तान
पाकिस्तान ने जैश-ए-मोहम्मद समेत प्रतिबंधित संगठनों के एक समूह को ‘उच्च जोखिम’ की श्रेणी में शामिल करने का फैसला किया है. पाकिस्तान ये कर्रवाई एफएटीएफ (वित्तीय कार्रवाई कार्य बल) के निर्देश पर करने जा रहा है. ये बात एक मीडिया रिपोर्ट से सामने आई है.
पाकिस्तान ने इन संगठनों की गतिविधियों पर नजर रखने और उनकी फिर से समीक्षा करने के लिए यह निर्णय लिया है.
वैश्विक स्तर पर वित्तीय अपराधों पर नजर रखने वाले पेरिस स्थित एफएटीएफ ने इस बात को लेकर असंतोष जताया था कि इस्लामाबाद इन संगठनों को ‘‘कम’’ या ‘‘मध्यम’’ खतरे के तौर पर देखता है. उसने कहा था कि पाकिस्तान ने ‘‘दाएश (आईएसआईएस), अलकायदा, जमात-उद-दावा, फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन, लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, हक्कानी नेटवर्क और तालिबान से जुड़े लोगों की ओर से आतंकवाद को वित्त पोषण के खतरों के संबंध में उचित समझ नहीं दिखाई है’’.
पाकिस्तान के डॉन समाचार पत्र ने कहा कि प्रतिबंधित संगठनों की कानूनी, प्रशासनिक एवं वित्तीय व्यवस्थाओं के सभी चरणों पर कड़ी सुरक्षा जांच होगी.
रिपोर्ट में एक अधिकारी के हवाले से कहा गया, ‘‘इन सभी संगठनों को अब उच्च जोखिम वाले संगठनों के तौर पर दर्शाया जाएगा और सभी एजेंसियां उनके पंजीकरण से लेकर उनके संचालन तक, उनके धन एकत्र करने से लेकर उनके बैंक खातों तक और उनकी अन्य गतिविधियों की गहन जांच करेंगी.’’
हालांकि रिपोर्ट में अधिकारी का नाम नहीं बताया गया है. अधिकारी ने बताया कि ये निर्णय एफएटीएफ पर महापरिषद की बैठक में लिया गया जिसकी अध्यक्षता वित्त सचिव आरिफ अहमद खान ने की.
उन्होंने बताया कि संगठनों को ‘‘मध्यम’’ से ‘‘उच्च’’ जोखिम की श्रेणी में डालने के बाद सभी सरकारी संस्थाएं प्रतिबंधित संगठनों और उनके प्रतिनिधियों के रिकॉर्ड, डेटाबैंक और प्रक्रियाओं एवं तरीकों की अलग-अलग समीक्षा करेंगी.
अधिकारी ने बताया कि जोखिम संकेतकों की समीक्षा एवं मूल्यांकन के बाद संदिग्ध वित्तीय लेन-देन संबंधी नई रिपोर्ट बनाई जाएगी और कानून प्रवर्तन एजेंसियां प्रतिबंधित संगठनों के संपत्ति एवं खाते जब्त करने समेत उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई जारी रखेंगी.
रिपोर्ट ने कहा, ‘‘ये सभी संस्थाएं दो सप्ताह में अपनी प्रक्रिया को पूरा करेंगी ताकि एफएटीएफ के क्षेत्रीय सहयोगी एशिया प्रशांत संयुक्त समूह के प्रतिनिधिमंडल को रिपोर्ट सौंपी जा सके. प्रतिनिधिमंडल 24 मार्च को इस्लामाबाद जाएगा.’’
इसमें कहा गया है, ‘‘इसके बाद प्रतिनिधिमंडल आगामी दो दिनों (25 और 26 मार्च) में इस्लामाबाद की नई कार्रवाई के आधार पर पाकिस्तान के प्रदर्शन की समीक्षा करेगा और अपनी रिपोर्ट एफएटीएफ को सौंपेगा.’’
इसके बाद पाकिस्तान की कार्रवाई की एफएटीएफ फिर से समीक्षा करेगा. साथ ही जून में समीक्षा बैठकों में यह तय किया जाएगा कि देश को ‘‘ग्रे’’ सूची से हटा देना चाहिए या इसी सूची में रखना चाहिए या और खराब प्रदर्शन पर ‘काली सूची’ में शामिल करना चाहिए.
एफएटीएफ ने आतंकवाद का वित्त पोषण रोकने में नाकाम रखने पर पाकिस्तान को पिछले साल जून में ‘ग्रे’ सूची में शामिल किया था.