बालाकोट हमले के बाद पाकिस्तान ने 513 बार संघर्ष विराम का किया उल्लंघन


indian Army asks Pak military to take possession of bodies of its personnel

 

बालाकोट हवाई हमले के बाद बीते डेढ़ महीने में जम्मू-कश्मीर से लगी नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान ने  करीब 513 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया है.

व्हाइट नाइट कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) लेफ्टिनेंट जनरल परमजीत सिंह ने राजौरी में पत्रकारों को बताया कि पाकिस्तानी सेना ने संघर्षविराम उल्लंघन के दौरान 100 से ज्यादा बार मोर्टार और तोपों जैसे भारी हथियारों का इस्तेमाल किया और रिहायशी इलाकों को निशाना बनाया, लेकिन भारतीय सेना ने उसका मुंहतोड़ जवाब दिया.

जीओसी ने कहा, “बीते डेढ़ महीने में लगभग 513 बार संघर्षविराम उल्लंघन हुआ और इस दौरान पाकिस्तानी सेना ने 100 से ज्यादा बार मोर्टार और तोपों जैसे भारी हथियारों का भी इस्तेमाल किया. अकेले कल (12 अप्रैल को) पुंछ में दो लड़कियों समेत चार असैनिक घायल हुए.”

उन्होंने कहा कि भारतीय सेना पाकिस्तानी सेना को मुंहतोड़ जवाब दे रही है.

जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान को हुए नुकसान के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि भारतीय सेना के विपरीत पाकिस्तान ने अपने हताहतों की संख्या की घोषणा नहीं की है.

लेफ्टिनेंट जनरल परमजीत सिंह ने कहा, “हमारे सूत्रों के अनुसार पाकिस्तानी सेना को भारतीय सेना की तुलना में पांच से छह गुणा ज्यादा नुकसान हुआ.”

पाकिस्तान के बालाकोट में जैश के ठिकानों पर 26 फरवरी को किये गए भारतीय हवाई हमलों के बाद से पुंछ और राजौरी जिलों में चार सुरक्षाकर्मियों समेत दस लोगों की मौत हो गई और करीब 45 अन्य घायल हो गए. घायलों में अधिकतर असैन्य हैं. भारत ने 14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आंतकी हमले के बाद बालाकोट में कार्रवाई की थी. पुलवामा आतंकवादी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे।

सीमापार से स्नाइपर हमले की घटनाओं के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा कि ऐसी घटनाएं बीते कई महीनों के दौरान शून्य पर आ गई हैं.

उन्होंने कहा, “स्नाइपर हमले की कुछ घटनाएं पहले हुई थीं जिसके फलस्वरूप हमने अपनी रक्षा को मजबूत करने के लिए कुछ उपाय किए हैं. आंकड़ों के अनुसार जनवरी से 26 फरवरी के बीच पाकिस्तानी सेना द्वारा स्नाइपिंग की केवल तीन घटनाएं हुईं, जिसमें एक असैन्य पोर्टर की मौत हो गई.”

उन्होंने कहा कि 27 फरवरी से अब तक स्नाइपिंग की कोई घटना नहीं हुई। इसका अर्थ है कि जो कदम उठाए गए थे वह कामयाब हुए.

सिंह से जब लोकसभा चुनाव दौरान सैनिकों के नाम पर हो रही राजनीति के बारे में टिप्पणी करने के लिये कहा गया तो उन्होंने कहा कि सेना इस बहस में नहीं पड़ना चाहती.


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