पायल खुदकुशी मामला: तीनों डॉक्टर 31 मई तक पुलिस हिरासत में
मुंबई की एक विशेष अदालत ने सरकारी अस्पताल में जातिगत टिप्पणियां कर एक जूनियर डॉक्टर को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार तीन वरिष्ठ महिला डॉक्टरों को 31 मई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है.
पायल तड़वी (26) ने पिछले बुधवार को बीएलवाई नायर अस्पताल में अपने कमरे में कथित रूप से फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली थी. इसके बाद भक्ति मेहेरे, हेमा आहूजा और अंकिता खंडेलवाल के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश आर एम सडरानी के समक्ष अभियोजन ने दलील दी है कि यह पता लगाने के लिए आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की जरूरत है कि उन्होंने तड़वी का कथित सुसाइड नोट गुमा दिया है या नष्ट कर दिया है.
अदालत ने उन्हें 31 मई तक पुलिस हिरासत में भेजने का निर्देश दिया है.
इससे पहले महाराष्ट्र एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स (एमएआरडी) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हमारे पास विश्वसनीय जानकारी है कि तीन डॉक्टरों ने डॉ. पायल तडवी के खिलाफ जातिसूचक टिप्पणी की थी. हम आगे की जांच के लिए पुलिस को सहयोग करेंगे.
दूसरे वर्ष की पीजी छात्रा पायल तडवी द्वारा कथित तौर पर आत्महत्या कर लेने के बाद दायर प्राथमिकी में कहा गया है कि उसके वरिष्ठ उसे अक्सर धमकी देते थे कि उसे ऑपरेशन थिएटर में नहीं जाने दिया जाएगा या प्रसव कराने की अनुमति नहीं दी जाएगी. आदिवासी होने के कारण व्हाट्सएप पर भी उसका मजाक उड़ाया गया.
तडवी ने 22 मई को आत्महत्या कर ली थी. उसके परिवार ने आरोप लगाया है कि अनुसूचित जनजाति से होने के कारण उसे परेशान किया जाता था.