प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में जल संरक्षण का आह्वान किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम से देश को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर अपनी बात रखी और अपनी इच्छा प्रकट की. उन्होंने अपने इस कार्यक्रम को देश और समाज के लिए आईना बताते हुए कहा कि इससे देश के 130 करोड़ लोग सक्रियता से जुड़ना चाहते हैं.
बीते लोकसभा चुनाव का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इस चुनाव में 61 करोड़ से ज्यादा लोगों ने वोट किया. यह चीन को छोड़कर किसी भी देश की जनसंख्या से भी ज्यादा है. प्रधानमंत्री ने इसे लोकतंत्र की विशालता और व्यापकता का परिचायक बताया.
इस दौरान उन्होंने आपातकाल पर भी तंज कसा. उन्होंने कहा कि आपातकाल का असर बहुत व्यापक था, ये सिर्फ राजनेताओं तक सीमित नहीं था. प्रधानमंत्री ने कहा कि इस दौरान देश के हर नागरिक को लगने लगा था कि उसका सब कुछ छीन लिया गया.
प्रधानमंत्री ने जल संरक्षण पर बात करते हुए पानी बचाने का आग्रह किया. उन्होंने कहा, “देश में जल संकट से निपटने का कोई एक फार्मूला नहीं हो सकता. इसके लिए हमारे देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग तरीकों से प्रयास किए जा रहे हैं.”
उन्होंने कहा, “जब हम एकजुट होकर, मजबूती से प्रयास करते हैं तो असभंव को भी संभव कर सकते हैं, जब जन-जन जुड़ेगा, जल बचेगा.”
प्रधानमंत्री ने आम लोगों से जल जागरूकता अभियान की शुरुआत करने का आग्रह किया. और अलग-अलग क्षेत्रों की हस्तियों से जल संरक्षण के लिए आंदोलन का नेतृत्व करने का आग्रह किया.