‘चुनाव आयोग ने अपनी साख बहाल करने का अहम मौका गंवाया’


PM’s chopper raid incident is a great opportunity missed says former cec SY Quraishi

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हेलीकॉप्टर की जांच करने के वाले आईएएस अधिकारी के निलंबन के बाद चुनाव आयोग की भूमिका पर उठ रहे सवालों के बीच पूर्व चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी ने कहा कि आयोग ने अपनी छवि सुधारने का मौका गंवा दिया है.

इस लोकसभा चुनाव के दौरान लिए गए चुनाव आयोग के फैसलों को एस वाई कुरैशी ने दुर्भाग्यपूर्ण  बताया है. कुरैशी के मुताबिक, हेलीकॉप्टर जांच के दौरान आयोग के पास एक अच्छा मौका था जब वह  अपने खिलाफ उठ रहे सवालों का जवाब दे सकता था.

उन्होंने ट्विटर पर लिखा, प्रधानमंत्री मोदी के हेलीकॉप्टर की जांच करने वाले आईएएस अधिकारी का निलंबन न केवल दुर्भाग्यपूर्ण है, बल्कि अब आयोग के साथ-साथ प्रधानमंत्री ने भी अपनी छवि बहाल करने का एक मौका गंवा दिया है.

उन्होंने कहा ये दोनों ही संवैधानिक संस्थान जनता के प्रति जवाबदेह हैं. बीते कुछ समय में दोनों ही संस्थानों की विश्वसनीयता भंग हुई है.

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी के हेलीकॉप्टर की जांच आयोग के लिए एक मौका था, जहां वो ये संदेश दे सकता था कि कानून देश के हर नागरिक के लिए समान है. खेद है कि इन दोनों ही संस्थानों ने अलग रास्ते चुने. इस कदम के बाद उनके हर फैसले को और ज्यादा आलोचनात्मक होकर देखा जाएगा.

इससे पहले चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हेलीकॉप्टर की जांच करने के वाले चुनाव पर्यवेक्षक और आईएएस अधिकारी को निलंबित कर दिया गया था. आयोग की ओर से जारी आदेश में कहा गया था कि आईएएस अधिकारी मोहम्मद मोहसिन ने एसपीजी सुरक्षा से जुड़े निर्वाचन आयोग के आदेश का पालन नहीं किया है.

कुरैशी ने हाल ही में अंग्रेजी अखबार द हिंदू को दिए साक्षात्कार में आचार संहिता लागू होने के बाद रही चुनाव आयोग की भूमिका पर निराशा जताई. उन्होंने कहा, “दुख की बात है कि आयोग को उसकी शक्तियां याद दिलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट को आगे आना पड़ा.”

कुरैशी ने आयोग की ओर से लिए गए फैसलों में हुई देरी पर भी सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा, “ये दुख की बात है कि हम यहां राजनेताओं के बयानों पर नहीं बल्कि आयोग की भूमिका पर चर्चा कर रहे हैं.आयोग अगर समय रहते फैसले करता तो आज वो इस तरह कटघरे में नहीं खड़ा होता.”


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