पत्रकार संगठनों की मांगः कश्मीर पर अपनी याचिका वापस ले प्रेस काउंसिल


press associations passes resolution against press council plea on kashmir

 

प्रेस एसोसिएशन, इंडियन यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स, प्रेस क्लब ऑफ इंडिया, इंडियन वीमेंस प्रेस कॉर्प, दिल्ली यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स और बड़ी संख्या में पत्रकारों ने प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया की उस याचिका के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया है, जिसमें जम्मू-कश्मीर में लगे संचार प्रतिबंध को हटाने और मीडिया को स्वतंत्र रूप से काम करने की याचिका में सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप की मांग करते हुए संचार प्रतिबंध को बनाए रखने की मांग की गई है.

सभी संगठनों ने प्रस्ताव पारित करते हुए स्टेटमेंट जारी किया है.

स्टेटमेंट में कहा गया है कि सभी संगठन कश्मीर घाटी में पत्रकारों की गिरफ्तारी और उन्हें धमकाए जाने की निंदा करते हैं. साथ ही श्रीनगर एयरपोर्ट पर उन पत्रकारों के साथ हुई बदसलूकी की भी निंदा करते हैं, जो विपक्षी नेताओं के समूह के साथ गए थे.

स्टेंटमेंट में आगे कहा गया है कि हाउस प्रेस काउंसिल के अध्यक्ष द्वारा कश्मीर में मीडिया प्रतिबंध के समर्थन में मनमाने तरीके से सुप्रीम कोर्ट में डाली गई याचिका के विरोध में प्रस्ताव पारित करता है.

इसके साथ ही मांग की गई है कि प्रेस काउंसिल के अध्यक्ष तुरंत याचिका वापस लें और इस मुद्दे पर चर्चा के लिए जल्द से जल्द प्रेस काउंसिल की बैठक बुलाएं.

स्टेटमेंट में आगे सरकार से मांग करते हुए कहा गया है कि कश्मीर घाटी में मीडिया पर लगे सभी प्रतिबंध जल्द से जल्द हटाए जाएं और इसे सामान्य तरीके से काम करने दिया जाए. सूचना का मुक्त और तथ्यपरक प्रसार लोकतंत्र के ठीक ढंग से काम करने के लिए जरूरी है.

अंत में यह भी मांग की गई है कि फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट के लिए प्रेस काउंसिल के एक प्रतिनिधि मंडल को घाटी में जाना चाहिए.

वहीं एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने भी प्रेस काउंसिल के अध्यक्ष द्वारा मनमाने तरीके से डाली गई याचिका की निंदा की है.

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने कहा कि वो इस बात को लेकर गंभीर रूप से चिंतित है कि जिस प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के पास प्रेस की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी है, वो ना केवल ऐसा करने में विफल साबित हो रही है, बल्कि राष्ट्र हित के नाम पर मीडिया पर प्रतिबंध की वकालत कर रही है.


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