टीबी, विटामिन-सी समेत 21 दवाइयों की बढ़ेगी कीमत


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टीबी, विटामिन-सी समेत 21 दवाइयां जल्द बढ़े हुए दामों पर मिलेंगी. भारत में दवाइयों के दाम नियंत्रित करने वाली संस्था नेशनल फार्मास्यूटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (एनपीपीए) ने इन दवाइयों की सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए इनके एमआरपी को बढ़ाने की मंजूरी दे दी है.

इनमें से अधिकतर दवाइयों का इस्तेमाल फर्स्ट लाइन ट्रीटमेंट में होता है और ये सार्वजनिक स्वास्थ्य योजनाओं के लिए जरूरी है.

एनपीपीए की ओर से 9 नवंबर को लिया गया फैसला टीबी, विटमिन सी, metronidazole और benzylpenicillin जैसे एंटीबायोटिक, टीबी के लिए बीसीजी दवाइयों, एंटी मलेरिया ड्रग आदि पर लागू होगा.

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अधिकारियों का कहना है कि यह फैसला इसलिए लिया गया है ताकि दवाइयों की उपलब्धता को बनाया रखा जा सके.

एनपीपीए ने यह कदम फार्मा इंडस्ट्री की मांग पर लिया है. फार्मा इंडस्ट्री ने एनपीपीए से मांग की थी कि दवाइयों को बनाने में प्रयोग किए जाने वाले कच्चे माल के दाम बढ़े हैं इसलिए दवाइयों की एमआरपी को बढ़ाया जाए.

एनपीपीए ने कहा कि दवाओं की उपलब्धता को सस्ती कीमतों पर बनाए रखना जरूरी है, लेकिन इसकी वजह से ऐसा नहीं होना चाहिए कि दवाओं में इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल का महंगा होने की वजह से दवाएं ही मार्केट में उपलब्ध ना रह जाएं. क्योंकि ऐसा होने पर लोगों को उनके विकल्प वाली दूसरी महंगी दवाओं को खरीदना पड़ेगा.

कंपनियों का कहना है कि दवाइयों की कीमत घटाने से उनकी लागत पर असर पड़ रहा है. ऐसे में एनपीपीए ने फैसला किया है कि इन 21 जरूरी दवाइयों की कीमत में इजाफे की इजाजत दी जाए ताकि कंपनियां इनका प्रोडक्शन बंद ना करें और मार्केट में दवाइयों की किल्लत ना पैदा हो.


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