कौरवों को टेस्ट ट्यूब बेबी बताने पर शिकायत दर्ज हो: मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार
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भारत सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार के विजय राघवन ने आंध्र विश्वविद्यालय के कुलपति जी नागेश्वर राव के खिलाफ शिकायत दर्ज करने की मांग की है.
पंजाब के फगवाड़ा में आयोजित 106वें भारतीय विज्ञान कांग्रेस में जी नागेश्वर राव ने विज्ञान को भारतीय पौराणिक ग्रंथों से जोड़ने वाली कुछ काल्पनिक बातें कही थी.
विज्ञान कांग्रेस को संबोधित करते हुए कुलपति ने कहा था कि महाभारत में कौरवों का जन्म ‘टेस्ट ट्यूब’ तकनीक से हुआ था. इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत में हजारों साल पहले ही ‘गाइडेड मिसाइल’ जैसी तकनीकी जानकारी मौजूद थी.
विजय राघवन ने कुलपति के इन बयानों पर विरोध जताते हुए कहा, “ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक कार्यरत कुलपति और जीव वैज्ञानिक ने इस तरह की बात कही. जो पूरी तरह गैर वैज्ञानिक है.”
राघवन ने कहा कि वक्ताओं या कार्यक्रम के एजेंडा के बारे में फैसला करने में सरकार की कोई भूमिका नहीं है. उन्होंने कहा कि इंडियन साइंस कांग्रेस एसोसिएशन (आईएससीए) के पास फिल्टर की कोई व्यवस्था नहीं है और इस विषय में सरकार की कोई भूमिका नहीं है.
उन्होंने कहा, “जब वक्ता का चयन कर लिया जाता है तब उस व्यक्ति द्वारा कही जाने वाली बातों पर कोई सेंसरशिप नहीं होता.”
राघवन ने कहा, ”इस मामले में शिकायत उन लोगों की तरफ से होनी चाहिए जो दर्शक थे. साथ ही हर एक वैज्ञानिक और हमारे विज्ञान अकादमियों की तरफ से भी बोला जाना चाहिए.”
के विजय राघवन ने कई ऐसे उदाहरण दिए जब गैर वैज्ञानिक सोच की वजह से नीतिगत फैसलों को गंभीर नुकसान पहुंचा.उन्होंने बताया जब दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति थाबो मबेकी और उनके स्वास्थ मंत्री ने कहा था कि एड्स एचआईवी की वजह से नहीं होता है. तो उसकी वजह से कई मौतें हुईं.
उसी तरह शक्तिशाली नेताओं के जलवायू परिवर्तन को मानने इनकार करना भी खतरनाक है. इससे पहले भी भारतीय विज्ञान कांग्रेस को गैर वैज्ञानिक भाषण देने वालों को मंच देने के चलते कई बार आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है.