मोदी सरकार की इमेज बनाने में जुटेंगी नामी कंपनियां


Prominent corporate companies will join the Modi government's image creation

 

केन्द्र की मोदी सरकार आचार संहिता लागू होने से पहले बड़े पैमाने पर योजनाओं का प्रचार-प्रसार करने जा रही है. कैंपेन में मोदी सरकार की ओर से चलाई गई योजनाओं से देश की बदली तस्वीर दिखाने की कोशिश की जाएगी. इसके लिए 18 कंपनियों को शार्ट लिस्टेड किया गया है. इनमें ज्यादातर बीजेपी के लिए चुनाव प्रचार कर चुकी हैं या मोदी सरकार से जुड़ी रही हैं.

टीवी, प्रिंट, ऑनलाईन और ऑफलाइन अलग-अलग मीडियम के लिए सरकार प्राइवेट कंपनियों को प्रचार का ठेका देने जा रही है.

अंग्रेजी बिजनेस अखबार द इकॉनॉमिक टाइम्स(ईटी) ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के एक अधिकारी के हवाले से कहा है कि अगले सप्ताह कंपनियों का अंतिम चुनाव किया जाएगा.

यह भी पढें: पिछले चार साल में केंद्र ने विज्ञापन पर खर्च किए 5,200 करोड़

मोदी सरकार के कार्यकाल में शुरू की गई 14 कल्याणकारी योजनाओं को लेकर अभियान चलाया जाएगा.

इन योजनाओं में जन-धन योजना, मुद्रा, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, स्वच्छ भारत, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, अटल पेंशन योजना, सुकन्या समृद्धि योजना, डिजिटल इंडिया, स्किल इंडिया, मेक इन इंडिया, डिजिटल पेमेंट प्रमोशन, आयुष्मान भारत और उज्ज्वला योजना शामिल हैं.

आचार संहिता लागू होने से पहले तक इन योजनाओं को केन्द्र में रखकर सरकार के काम का प्रचार-प्रसार किया जाएगा.

अधिकारी के मुताबिक योजना लागू होने के बाद आए ‘बड़े बदलाव’ को प्रचारित करना अभियान का मुख्य उद्देश्य है. शॉर्ट लिस्टेड की गई 18 कंपनियों में से दो से अधिक कंपनियों को कैंपेन के प्रबंधन के लिए चुना जाएगा.

ये कैंपेन अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी का रास्ता आसान करेंगी.

अधिकारी के मुताबिक, “क्रिएटिव कंटेट बनाने की पूरी जिम्मेदारी किसी एक कंपनी को दी जा सकती है. टीवी विज्ञापन, होर्डिंग, जिंग्लस और कुछ कंपनियों को आउटडोर पब्लिसिटी जैसे कि कंसर्ट, एग्जीबीशन और नुक्कड़ नाटक के लिए अलग से कंपनी को रखा जाएगा. दो से तीन संस्थाओं को रिसर्च के काम में लगाया जाएगा. वहीं कुछ कंपनियां सोशल मीडिया पर फोकस करेंगी.”

सूचना और प्रसारण मंत्रालय की ओर से जारी मोमेरेंडम के मुताबिक, “कैपेंन में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों की सभी उम्र के लोगों तक पहुंच बनाने की कोशिश होगी.”

शॉर्ट लिस्टेड कंपनियों में साल 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के लिए चुनाव प्रचार करने वाली कंपनियों ऑगलिवि एंड मैथर, वर्मिलियन कम्युनिकेशन, क्रायोन एडवरटाइजिंग के नाम शामिल हैं.

ये कंपनियां कर सकती हैं मोदी सरकार की इमेज बिल्डिंग

वर्मिलियन कम्युनिकेशन रामदेव की पतंजलि का विज्ञापन को देखती हैं. यूपी विधानसभा चुनाव में भी इसी कंपनी ने बीजेपी के लिए चुनाव प्रचार किया था.

प्रोमोडेम कम्युनिकेशन दिल्ली में बीजेपी के लिए कैंपेन कर चुकी है.

बीबीडीओ एडवरटाइजिंग प्रधानमंत्री की जन-धन योजना लांच से जुड़ी रही है.

स्पैन कम्युनिकेशन बीजेपी और सरकार की सागरमाला पोर्ट परियोजना के बाद से बंदरगाहों के विकास के प्रचार-प्रसार में लगी रही हैं.

क्रायोन एडवरटाइजिंग ने बीजेपी सहित अलग-अलग पार्टियों के लिए 20 से अधिक चुनाव प्रचार किए हैं.

कारत और गोल्डमाइन एडवरटाइजमेंट, इन दोनों कंपनियों के बारे में कहा जाता है कि इन्होंने सरकार की मेक इन इंडिया और नमामी गंगे परियोजना के लिए कैंपेन किया है.

प्रचार कम्युनिकेशन जन-धन-योजना और सरकारी बीमा योजना के प्रचार-प्रसार से जुड़ी रही हैं.

साकेत कम्युनिकेशन खादी के प्रमोशन में सरकार के लिए काम कर चुकी हैं.

ये कंपनियां तीन महीने तक ही सरकार के लिए काम कर सकती हैं. संभावना है कि इन्हें लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार करने का काम भी मिल सकता है.

पिछले लोकसभा चुनाव में सोहो सक्वायर, ओ एंड एम, प्रसून जोशी की एमसीकैन और मैडिसन वर्ल्ड ने बीजेपी के लिए चुनाव प्रचार किया था. इनमें सोहो स्क्वायर और ओ एंड एम महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव में बीजेपी के लिए काम कर चुकी हैं.

हालांकि इस बार बीजेपी के लिए चुनाव प्रचार आसान नहीं होगा. अब हालात बदल गए हैं. इस बार बीजेपी सत्ता में है और उसे अपने काम को जस्टिफाई करना और एंटी इंन्कैबेंसी से पार पाना आसान नहीं होगा.


Big News