बंदूक उठाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा: सेना


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सेना, सीआरपीएफ और पुलिस ने एक संयुक्त कांफ्रेंस में ऑपरेशन की जानकारी देते हुए कहा है कि पुलवामा हमले को अंजाम देने वाले जैश-ए-मोहम्मद के शीर्ष कमांडर कामरान को मार दिया गया है. साथ ही कांफ्रेंस में जोर देते हुए कहा गया कि बंदूक उठाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा.

कश्मीर पुलिस का कहना है कामरान 2017 से पुलवामा और अवंतिपुरा के इलाके में आतंकी गतिविधि में सक्रिय था. पुलवामा हमले में भी कामरान का हाथ रहा है.

सेना की ओर से चिनार कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल के जेएस ढिल्लन ने कहा कि हमने पुलवामा हमले का बदला 100 घंटे के अन्दर ले लिया है.

उन्होंने यह भी कहा, “परिवार वाले अपने बच्चों को समझा लें ताकि वो न भटके. बंदूक उठाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा. हम कहना चाहते हैं कि कश्मीर की सभी मां अपने बेटों को आत्मसमर्पण करने के लिए तैयार करे. नहीं तो वे मारे जाएंगे.”

पुलवामा हमले में पाकिस्तान का हाथ होने को लेकर लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लन ने बताया कि जैश-ए-मोहम्मद पाकिस्तान और आईएसआई का पाला हुआ है. 14 फरवरी को हुए इस हमले में भी इसी आतंकवादी संगठन का हाथ है. जैश-ए-मोहम्मद पाकिस्तान का बच्चा है और इसमें कोई शक नहीं है कि इस हमले के पीछे पाकिस्तान और आईएसआई का हाथ है.

चिनार कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लन ने कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक एसपी पाणि और सीआरपीएफ के महानिरीक्षक जुल्फिकार हसन के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में यह बात कही.

ढिल्लन के अनुसार सुरक्षाबल 14 फरवरी को हुए हमले के बाद से ही जैश के शीर्ष आकाओं का पता लगा रहे हैं.

कश्मीर पुलिस के मुताबिक पुलवामा जिले के पिंगलान क्षेत्र में 16 घंटे तक चली मुठभेड़ में जैश के तीन आतंकवादी मार दिए गए हैं. वहीं, सेना का एक मेजर और पांच दूसरे लोग भी मुठभेड़ में मारे गए.

मुठभेड़ 14 फरवरी को हुए हमले की जगह से करीब 12 किलोमीटर दूर हुई थी.

14 फरवरी को पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे.


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