राफेल: अवमानना के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को एक और मौका दिया


we are not a trial court can not assume jurisdiction for every flare up in country

 

सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को उनकी कथित अपमानजनक ‘चौकीदार चोर है’ टिप्पणियों को गलत तरीके से सुप्रीम कोर्ट के हवाले से बताने के मामले में  एक और हलफनामा दाखिल करने का अवसर दिया है. मामले की अगली सुनवाई छह मई को होगी.

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस केएम जोसेफ की पीठ के समक्ष राहुल गांधी ने अपने वकील के माध्यम से स्वीकार किया कि इस टिप्पणी को शीर्ष अदालत के नाम से बताकर उन्होंने गलती की है.

प्रधान न्यायाधीश ने टिप्पणी की कि हलफनामे में एक जगह कांग्रेस नेता ने अपनी गलती स्वीकार की है लेकिन एक अन्य जगह कोई भी अपमानजनक टिप्पणी करने से इंकार किया है.

पीठ ने कहा, ‘‘हमें यह समझने में बहुत अधिक दिक्कत हो रही है कि हलफनामे में आप कहना क्या चाहते हैं.’’

सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी के वकील से कहा कि हलफनामे में बताये गये राजनीतिक रूख से उसका कोई लेना देना नहीं है.

राहुल गांधी ने कहा कि हलफनामे में प्रयुक्त खेद शब्द उन टिप्पणियों के लिये क्षमायाचना जैसा है जो गलत तरीके से शीर्ष अदालत के नाम से बतायी गयी थीं जबकि उसने ऐसा कभी कहा ही नहीं था.

बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी ने इन टिप्पणियों के लिए ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ आपराधिक अवमानना की कार्यवाही शुरू करने के लिये याचिका दायर की है. लेखी ने कहा कि यह बहुत ही गंभीर तरह की अवमानना है.


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