राहुल गांधी के सूखा राहत पैकेज से किसानों को पहुंचा फायदा: नीति आयोग


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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक दशक पहले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा सूखाग्रस्त बुंदेलखंड को एक विशेष पैकेज दिलवाया था. नीति आयोग की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इस विशेष पैकेज से फसल पैदावार में दोगुनी वृद्धि और सिंचाई एवं पीने के पानी के स्रोतों में भी वृद्धि हुई है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि इस विशेष पैकेज से लाभार्थियों की आय में वृद्धि हुई है. आय में यह वृद्धि सिंचाई के स्रोतों में बढ़ोतरी के साथ अच्छी मुर्रा भैसों के आवंटन से भी हुई है. इससे लाभार्थियों को 10 हजार रुपये सालाना कमाने में मदद मिली है.

द एनर्जी एंड रिसोर्स इंस्टीट्यूट की तरफ से तैयार रिपोर्ट में कहा गया, “सबसे ज्यादा प्रभाव आय पर पड़ा है. इससे लोगों का जीवन स्तर सुधरा है. उत्तर और मध्य प्रदेश की सरकारों ने बुंदेलखंड के लोगों का जीवन स्तर ऊपर उठाने के लिए बहुत कम खर्च किया है, लेकिन इस पैकेज ने उन्हें बहुत फायदा पहुंचाया है.”

जिन लाभार्थियों को अच्छी मुर्रा भैंसे मिलीं, उनमें से 56 प्रतिशत ने स्वीकार किया है कि उन्होंने सालाना पांच से दस हजार रुपये अधिक कमाए हैं. वहीं 15 प्रतिशत ने स्वीकारा है कि उन्होंने सालाना दस हजार रुपये से अधिक की कमाई है.

यूपीए-2 ने 2009-10 में बुंदेलखंड को 7,466 करोड़ रुपये का स्पेशल पैकेज दिया था. इसके बाद सरकार ने बारहवीं पंचवर्षीय योजना में 4,400 करोड़ रुपये का और आवंटन किया था.

रिपोर्ट में बताया गया है कि सिंचाई स्रोतों में बढ़ोतरी की वजह से किसानों ने गेहूं और चावल जैसी अधिक पानी की खपत करने वाली फसलों को और अधिक उगाना शुरू किया है. इससे पहले ये लोग केवल मसूर की दाल और मोटा अनाज ही उगाते थे.

रिपोर्ट में बताया गया, “सिंचाई के स्रोतों में बढ़ोतरी से किसानों ने अलग-अलग फसलें उगाना शुरू किया है. इससे उनकी आय में वृद्धि हुई है. लगभग पचास फीसदी किसानों का मानना है कि उनकी आय में सालाना 25 से पचास हजार की वृद्धि हुई है.”


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