रेलवे करेगा टिकट पर सब्सिडी छोड़ने की अपील, दोगुने दाम पर टिकट खरीदने का होगा विकल्प


Railway will appeal to passenger to give up subsidy

 

भारतीय रेलवे ट्रेन किराए पर मिल रही सब्सिडी को छोड़ने के लिए ‘गिव इट अप’ योजना लाने जा रहा है.  न्यूज एजेंसी आईएएनएस को एक वरिष्ठ रेल अधिकारी ने बताया कि रेलवे ने प्रधानमंत्री कार्यालय को 100 दिनों की योजना भेजी है. अधिकारियों के मुताबिक अगस्त महीने के अंत तक इस योजना को अमलीजाम पहनाया जाएगा.

अधिकारियों ने बताया कि भारतीय रेल यात्रियों से लागत का 53 फीसदी वसूली कर पाती है, जिसकी वजह से उन्हें कमाई के लिए अतिरिक्त दबाव लेना पड़ता है.  फिलहाल रेलवे 47 फीसदी सब्सिडी दे रहा है.

अधिकारी ने बताया कि एलपीजी सिलेंडर पर सब्सिडी छोड़ने को लेकर जिस तरह से अपील की गई थी उसी तरह से रेल यात्रियों से भी सब्सिडी छोड़ने की अपील की जाएगी.

पैसेंजर के पास सब्सिडी के साथ या बिना सब्सिडी टिकट खरीदने का विकल्प होगा. बिना अनुदान करीब दोगुने पैसे देकर टिकट खरीदे जा सकते हैं.

अधिकारियों के मुताबिक सेंटर फॉर रेलवे इंर्फोमेशन सिस्टम, इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन की वेबसाइट पर इससे संबंधित आवश्यक बदलाव करनेवाला है.

सूत्रों के मुताबिक रेलवे टिकटों की बिक्री से हर साल 50,000 करोड़ रुपये की कमाई करता है. रेलवे ने साल 2019-20 के बीच 56,999 करोड़ रुपये की कमाई का लक्ष्य रखा है जिसे गिव इट अप योजना से हासिल किया जाएगा.

अनुदान को छोड़ने के लिए रेलवे बड़े पैमाने पर विभिन्न मीडिया प्लेटफॉर्म पर विज्ञापन करने की योजना बना रहा है.

इससे पहले पूर्व रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने इस योजना की शुरुआत की कोशिश की थी लेकिन विरोध के बाद इस विचार को छोड़ दिया गया था.

साल 2014 में सत्ता में आने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोगों से एलपीजी सिलेंडर पर मिलनेवाली सब्सिडी छोड़ने की अपील की थी. जिसके बाद 1.25 करोड़ लोगों ने अनुदान लेना बंद कर दिया था.


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