राज्यसभा: एचपीसीएल में 35 महीने से वेतन नहीं मिलने का मुद्दा उठा


citizenship amendment bill also passed in rajyasabha

 

हिन्दुस्तान पेपर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) में कर्मचारियों और कामगारों को पिछले 35 माह से वेतन न मिलने का मुद्दा राज्यसभा में 10 नवंबर को उठाया गया और सरकार से इस संस्थान के कर्मियों को बकाया वेतन दिए जाने की तथा राष्ट्रीय कंपनी अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) की व्यवस्था का पालन सुनिश्चित करने की मांग की गई.

तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन ने एचपीसीएल के कर्मचारियों और कामगारों को 2016 के बाद से वेतन न मिलने का मुद्दा उठाया.

डोला ने कहा कि 35 माह से वेतन न मिल पाने की वजह से एचपीसीएल के कर्मचारी परेशान हैं. कुछ की मौत हो चुकी है और कुछ ने आत्महत्या भी की है. कई कर्मचारियों के बच्चों की पढ़ाई अर्थ संकट की वजह से बाधित हो रही है.

उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम एचपीसीएल गहरे संकट में है और असम में स्थित इसकी दोनों उत्पादन इकाइयां बंद पड़ी हैं.

उच्च सदन में शून्यकाल के दौरान उन्होंने कहा कि 2018-19 के बजट में केंद्र ने कामगारों के लिए 90 करोड़ रुपये की राशि मुहैया कराई थी लेकिन यह राशि वितरित नहीं की गई.

डोला ने कहा कि राष्ट्रीय कंपनी अपीलीय न्यायाधिकरण ने इस साल मई में बकाया वेतन दिए जाने का आदेश दिया था. अब तक इस आदेश का पालन नहीं किया गया.

उन्होंने सरकार से इस ओर शीघ्र ध्यान दिए जाने की मांग की.

सभापति एम वेंकैया नायडू ने सदन में मौजूद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से इस मुद्दे पर गौर करने के लिए कहा.


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