राफेल सौदा अब भ्रष्टाचार का मामला नहीं, देशद्रोह है: राहुल गांधी


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राफेल मामले में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर उद्योगपति अनिल अंबानी के ‘बिचौलिए’ की तरह काम करने और सरकारी गोपनीयता कानून का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने देशद्रोह किया है.

उनका यह बयान अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस में आई एक रिपोर्ट के बाद आया है.

अखबार की रिपोर्ट में कहा गया है कि मार्च 2015 के चौथे हफ्ते में व्यवसायी अनिल अंबानी फ्रांस के तत्कालीन रक्षामंत्री ज्यां-यवेस ले ड्रियन के पेरिस स्थित दफ्तर गए थे. इसके दो हफ्ते बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने की घोषणा की थी.

गांधी ने यह भी कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करने के लिए मोदी पर अपराधिक कार्रवाई शुरू होनी चाहिए.

उन्होंने यह सवाल भी किया कि प्रधानमंत्री के फ्रांस दौरे से पहले अंबानी को कैसे पता चल गया था कि सौदा होने वाला है और कांट्रैक्ट उन्हें मिलने वाला है?

गांधी के ताजा आरोप पर सरकार या अनिल अंबानी की तरफ से फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, हालांकि वे कांग्रेस अध्यक्ष की ओर से लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों को पहले ही खारिज कर चुके हैं.

कांग्रेस अध्यक्ष ने पार्टी मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा, ‘‘एक ईमेल सामने आया है जिससे सवाल पैदा होता है कि अनिल अंबानी कैसे प्रधानमंत्री के दौरे से पहले फ्रांस के रक्षा मंत्री से मुलाकात कर रहे थे?’’

उन्होंने कहा, ‘‘तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर को सौदे के बारे पता नहीं था. तत्कालीन विदेश सचिव को नहीं मालूम था. एचएएल को नहीं मालूम था. लेकिन अनिल अंबानी को पहले से पता था कि सौदा होने वाला है और वह फ्रांस के रक्षा मंत्री के साथ बैठकर बातचीत कर रहे थे.’’

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘प्रधानमंत्री ने अनिल अंबानी को सौदे के बारे में सूचित किया था और अंबानी ने फ्रांस के अधिकारियों से कहा कि सौदा मिलने वाला है. इसके बाद उन्होंने कंपनी खोली.’’

गांधी ने दावा किया, ‘‘प्रधानमंत्री अनिल अंबानी के लिए बिचौलिए का काम कर रहे हैं. यह पूरी तरह स्पष्ट है. प्रधानमंत्री को जवाब देना चाहिए कि अनिल अंबानी को सौदे के बारे में 10 दिन पहले से कैसे पता चला? प्रधानमंत्री के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई शुरू होनी चाहिए.’’

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘पहले यह भ्रष्टाचार का मामला था. अब यह सरकारी गोपनीयता कानून के उल्लंघन का मामला बन गया है. यह देशद्रोह है. मोदी जी वही कर रहे थे जो जासूस करते हैं. उन्होंने पद की शपथ ली है और वह रक्षा सौदे के बारे में किसी को बता रहे थे। यह अपराध है और इससे प्रधानमंत्री को जेल हो सकती है.’’

गांधी ने कहा, ‘‘राफेल की सच्चाई देश के सामने आ रही है. इसमें कोई संदेह नहीं है कि प्रधानमंत्री भ्रष्ट हैं.’’

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता किया है. भ्रष्टाचार, प्रक्रियाओं के उल्लंघन और सरकारी गोपनीयता कानून का उल्लंघन, इन तीनों पहलुओं की जांच होनी चाहिए.’’

एक प्रश्न के उत्तर में गांधी ने कहा, ‘‘हमारा काम जनता को सूचना देने का है. अब जनता को निर्णय लेना है कि अनिल अंबानी को कैसे पहले से रक्षा सौदे के बारे में पता चल गया.’’

उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री जी, हमारी पूरी जांच कर लो. सभी विपक्षी नेताओं की जांच कराओ। लेकिन राफेल मामले की भी जांच कराओ. जेपीसी की जांच क्यों नहीं करा रहे हैं?’’

प्रधानमंत्री को ‘प्योर’ बताने संबंधी गृह मंत्री राजनाथ सिंह के बयान के बारे में पूछे जाने पर गांधी ने कहा, ‘‘ राजनाथ सिंह से पूछिए कि अगर प्रधानमंत्री इतने प्योर हैं तो अनिल अंबानी को रक्षा सौदे के बारे में कैसे पता चल गया.’’

कैग रिपोर्ट के संदर्भ में गांधी ने कहा, ‘‘यह ‘चौकीदार ऑडिटर जनरल’ की रिपोर्ट है. यह नरेंद्र मोदी की रिपोर्ट है. रिपोर्ट चौकीदार के द्वारा और चौकीदार के लिए लिख्री गई है.’’

उन्होंने कहा, ‘‘राफेल मामले में बहुत सारे साक्ष्य सामने आए हैं. हमारा यह कहना है कि जो कैग हैं वो इस रक्षा सौदे से जुड़े फैसले में शामिल रहे हैं. ऐसे में वह सही रिपोर्ट नहीं दे सकते.”


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