जन्म दिन विशेष: आधुनिक भारत के निर्माता राजा राममोहन राय
पुनर्जागरण के अग्रदूत राजा राममोहन राय की आज 247वीं जयंती है. समाज सुधार के क्षेत्र में राममोहन राय उस क्रांति का नाम है जिसने आधुनिक भारत की आधारशिला रखी.
अपने विचारों और पहल से भारतीय समाज को नई दिशा देने वाले राजा राम का जन्म 22 मई 1772 में बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में एक हिंदू ब्राह्मण परिवार में हुआ था. उनके पिता परम्परावादी और मूर्तिपूजजक थे जबकि वो इसका विरोध करते थे. वो विचारों की अभिव्यक्ति में विश्वास रखते थे इसलिए उन्होंने छोटी उम्र में ही रूढ़ियों की खिलाफ आवाज उठानी शुरू कर दी थी.
राजा राम ने धार्मिक-सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाने के साथ ही अंग्रेजी शिक्षा को बढ़ावा दिया. देखते ही देखते वे हिंदू पुनरुत्थान के प्रतीक बन गए थे. 1802 में उन्होंने एकेश्वरवाद के समर्थन में फारसी भाषा में ‘टुफरवुल मुवादिन’ नामक पुस्तक की रचना की थी. 1816 में उनकी पुस्तक ‘वेदान्त सार’ का प्रकाशन हुआ जिसके माध्यम से उन्होंने ईश्वरवाद और कर्म-काण्ड की घोर आलोचना की.
स्त्री सशक्तिकरण पर उनका विशेष जोर था. राजा राम ने महिलाओं के लिए समान अधिकार की पहल की. सती प्रथा को खत्म करने के लिए बड़े स्तर पर चलाए गए उनके अभियानों का ही परिणाम थी कि लॉर्ड बैंटिक ने 4 दिसम्बर 1829 को आदेश जारी करते हुए सती प्रथा पर रोक लगा दी. अभियानों के जरिये उन्होंने महिलाओं के लिए विधवा पुनर्विवाह, संपत्ति रखने जैसे अधिकारों की मांग की.
(सभी तस्वीरें साभार: Wikimedia commons, http://rrrlf.nic.in)