जून महीने में पड़ी दुनिया भर में रिकॉर्ड गर्मी


Record heat worldwide in June

 

साल 2019 में जून का महीना दुनिया भर में सबसे गर्म जून रहा है. यह लगातार दूसरा महीना है जब आर्कटिक पर जमी बर्फ की मोटाई में रिकार्ड कमी दर्ज की गई है.

नेशनल ओसेनिक एंड एटमोस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन(एनओएए) के नेशनल सेंटर फॉर एनवायरमेंट के मुताबिक जून महीने में 0.95 डिग्री सेंटीग्रेड की वृद्धि दर्ज की गई जिसकी वजह से जून 140 साल में सबसे गर्म बन गया. जून महीने का औसत वैश्विक तापमान 15.3 डिग्री सेंटीग्रेड है. 10 सबसे गर्म जून के महीनों में नौ, साल 2010 के बाद के जून रहे हैं.

सदाबहार रहने वाला हवाई द्वीप जैसे ट्रॉपिकल क्षेत्र में भी जून महीना सबसे गर्म जून रहा. अमेरिका के अलास्का में साल 1925 के बाद से यह दूसरा मौका था जब जून का महीना सबसे गर्म रहा. ऐसा ही मैक्सिको की खाड़ी में भी देखने को मिला.

यूरोप के कई देशों में जून महीने में रिकॉर्ड गर्मी पड़ी. ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी और हंगरी में सबसे गर्म जून रिकॉर्ड किया गया. स्वीटजरलैंड में यह दूसरा जून का महीना था जब सबसे अधिक गर्मी पड़ी.

अंटार्कटिका में जून, 2019 में 41 साल में सबसे कम बर्फ का क्षेत्रफल रह गया. यह 2002 के रिकॉर्ड 62,000 वर्ग किलोमीटर से भी कम है.

पिट्सबर्ग विश्वविद्यालय के भूविज्ञान और एनवायरनमेंट साइंस के प्रोफेसर जोसेफ वर्ने के हवाले से लाइव साइंस ने लिखा कि जलवायु को मौसम के लंबे पैटर्न के औसत के तौर पर देखा जाता है. अगर लंबे समय तक गर्मी या सर्दी की स्थिति बनी रहती है तो हम इसे जलवायु में परिवर्तन कहते हैं.

दुनिया भर में प्रचंड गर्मी पड़ रही है और पृथ्वी का तापमान बढ़ रहा है. नेचर क्लाइंमेट चेंज में छपे एक अध्ययन के मुताबिक ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी नहीं होने की स्थिति में लगातार गर्मी बढ़ती जाएगी.


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