पंजाब विधानसभा में CAA के खिलाफ प्रस्ताव पारित, सरकार सुप्रीम कोर्ट जाएगी


resolution moved against caa in punjab assembly

 

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ पंजाब विधानसभा में प्रस्ताव पारित हो गया है. यह प्रस्ताव ध्वनि मत से पारित हुआ. इसके साथ ही पंजाब सरकार सीएए के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट भी जाएगी.

प्रस्ताव पारित करते हुए पंजाब विधानसभा ने केंद्र सरकार से अपील की कि नागरिकता देते समय धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं होना चाहिए.

वहीं पंजाब सरकार एनपीआर में भी संशोधन करने की बात कर रही है ताकि इसे एनआरसी से जोड़कर देखने की कोई गुंजाइश ना रहे.

इससे पहले पंजाब विधानसभा के दो दिवसीय विशेष सत्र के दूसरे दिन राज्य मंत्री ब्रह्म मोहिंद्रा ने प्रस्ताव पेश किया.

प्रस्ताव पढ़ते हुए उन्होंने कहा, ‘संसद द्वारा पारित सीएए ने देशभर में सामाजिक उथल पुथल और विरोध प्रदर्शनों को जन्म दिया है. पंजाब में भी इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए हैं, जो पूरी तरह से शांतिपूर्ण थे और जिनमें समाज के प्रत्येक तबके ने हिस्सा लिया.’

सीएए पर पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा, ‘हमारे देश में क्या हो रहा है? उत्तर प्रदेश में बहुत सारे लोग मार दिए गए. पूरे देश में छात्र विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. ठीक यही जर्मनी में हुआ था. वहां सबसे पहले कम्युनिस्टों को निशाना बनाया गया. उसके बाद यहूदियों को मारा गया. यह अब उठ खड़े होने का समय है. हमारे गरीब लोग कहां से जन्म प्रमाण पत्र लाएंगे? यह एक त्रासदी है. अपने जीवनकाल में यह देखकर मैं बहुत दुखी हूं. काश मैं यहां नहीं होता! तुम हमारे भाईचारे को तोड़ रहे हो.’

शिरोमणि अकाली दल, जिसने संसद के दोनों सदनों में नागरिकता संशोधन विधेयक के समर्थन में मतदान किया था, वो पंजाब विधानसभा में सीएए के खिलाफ पेश किए गए प्रस्ताव का समर्थन कर रहा है.

अकाली दल के नेता बिक्रम मैजिथी ने कहा, ‘यदि लोगों को लाइन में लगकर यह साबित करना पड़े कि वे कहां जन्मे, तो हम ऐसे किसी भी कानून के खिलाफ हैं.’

इससे पहले केरल विधानसभा में सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पास हो चुका है. केरल की वामपंथी सरकार ने सीएए के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दाखिल की है.


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