तेलंगाना : सड़क परिवहन निगम कर्मियों की हड़ताल 11वें दिन जारी, तीन ने की आत्महत्या


Road Transport Corporation employees strike in Telangana continues on day 11

 

तेलंगाना राज्य सड़क परिवहन निगम (टीएसआरटीसी) के कर्मचारियों की हड़ताल 11वें दिन जारी है. प्रदर्शनकारी टीएसआरटीसी का सरकारीकरण चाहते हैं. पिछले दिनों कम-से-कम तीन कर्मचारियों की अत्महत्या करने की खबर है.

प्रदर्शनकारियों के हवाले से एएनआई ने कहा कि राज्य सरकार कोई कदम नहीं उठा रही है, कर्मचारियों की मौत हो रही है, लेकिन उनपर कोई असर नहीं हो रहा है. हमलोग टीएसआरटीसी का सरकारीकरण चाहते हैं. अगर इसका प्राइवेटाइजेशन होता है तो इससे कई सारी दिक्कतें होंगी.’

टीआरटीसी के सरकार में विलय, वेतन समीक्षा, विभिन्न पदों पर भर्ती समेत कई मांगों को लेकर संयुक्त कार्य समिति ने हड़ताल का आह्वान किया था जिसके बाद पांच अक्टूबर से टीएसआरटीसी के कर्मचारी संघ और विभिन्न कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए थे.

आंदोलनकारी एक व्यक्ति की रविवार को मौत होने के बाद खम्मम जिले में बंद आयोजित किया गया है.

टीएसआरटीसी के खम्मम डिपो से जुड़े चालक 55 वर्षीय डी श्रीनिवास रेड्डी ने 12 अक्टूबर को खुद को आग लगा ली थी. 13 अक्टूबर को एक अस्पताल में उसने दम तोड़ दिया.

रेड्डी की मौत के बाद, करीब 50 वर्षीय एक परिचालक सुरेंद्र गौड़ ने 13 अक्टूबर की रात अपने घर पर फांसी लगा कर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली.

13 अक्टूबर को वारंगल जिले के नरसामपेट डिपो से जुड़े एक चालक ने भी पेट्रोल डालकर खुद को आग लगा ली थी लेकिन पुलिस के तत्काल दखल से उसकी जान बच गई.

रेड्डी की मौत के बाद टीएसआरटीसी की संयुक्त कार्यसमिति और कई सियासी दलों ने 14 अक्टूबर को खम्मम बंद का आह्वान किया था.

हड़ताली कर्मचारियों ने प्रदर्शन किए जबकि विभिन्न राजनीतिक दलों और संगठनों के कार्यकर्ताओं ने खम्मम और कोठगुड़म जिलों में प्रदर्शन रैलियों में हिस्सा लिया.

खम्मम के पुलिस आयुक्त तफसीर इकबाल ने पीटीआई-भाषा को बताया कि बंद शांतिपूर्ण है और हालात सामान्य हैं.

आंदोलनकारियों ने राज्य में डिपो और बस स्टैंडों पर शोक बैठकें की.

टीएसआरटीसी की विभिन्न यूनियनों के करीब 48,000 कर्मचारियों के काम का बहिष्कार करने और सरकारी बसों के सड़कों से नदारद होने से यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने कहा था कि आंदोलनरत कर्मचारी खुद ही बर्खास्त हो गए हैं.

इस मामले पर मुख्यमंत्री ने सख्त रुख अपना रखा है और साफ कर दिया है कि आरटीसी का सरकार में विलय नहीं होगा.

इससे पहले, मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने शनिवार को कहा था कि हड़ताल कर रहे कर्मचारियों से बातचीत करने या उन्हें वापस लेने का कोई सवाल नहीं उठता.


Big News