नागरिकता कानून के खिलाफ बोलीं सना गांगुली, खुशवंत सिंह के उपन्यास का हवाला दिया
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देश भर में जारी विरोध प्रदर्शन के बीच बीसीसीआई प्रमुख और पूर्व क्रिकेटर सौरव गांगुली की बेटी सना गांगुली ने भी इस कानून का विरोध किया है. सना ने इंस्टाग्राम पर अपने समय के जाने माने लेखक खुशवंत सिंह के उपन्यास ‘दि एंड ऑफ इंडिया’ के कुछ अंश साझा करते हुए नागरिकता कानून की आलोचना की है.
उपन्यास का अंश कहता है, ‘प्रत्येक फासीवादी शासन को सत्ता में बने रहने के लिए कुछ ऐसे समूहों और समदुयायों की जरूरत होती है, जिनको वो बदनाम कर सके और उनका भय दिखा सके. यह पहले एक या दो समुदायों के साथ शुरू होता है लेकिन कभी वहां रुकता नहीं है. एक आंदोलन जो घृणा पर खड़ा हुआ हो, खुद को सिर्फ लगातार भय फैलाकर ही खड़ा रख सकता है.’
सना गांगुली ने इंस्टाग्राम पर लिखा, ‘हम लोग जो आज खुद को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं क्योंकि हम मुसलमान या ईसाई नहीं है, बड़ी गलतफहमी में जी रहे हैं. संघ पहले ही वामपंथी इतिहासकारों और पश्चिमी तरीके से जीने वाले युवाओं को निशाने पर ले रहा है. कल यह अपनी घृणा स्कर्ट पहनने वाली लड़कियों की तरफ मोड़ देगा, फिर उसके बाद वो लोग निशाने पर लिए जाएंगे जो मांस खाते हैं और शराब पीते हैं, जो विदेशी फिल्में देखते हैं, जो मंदिर नहीं जाते, जो दंत मंजन की जगह टूथपेस्ट प्रयोग करते हैं, आयुर्वेदिक की जगह एलोपैथिक दवाओं का प्रयोग करते हैं, किसी से मिलते समय ‘जय श्री राम’ बोलने की जगह हाथ मिलाते हैं या किस करते हैं. हमें इन बातों को समझना होगा अगर हम भारत को बचाना चाहते हैं.’