सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई तक स्थगित की राफेल मामले में सुनवाई


Paris: Spies in the military office engaged in monitoring Rafael production?

 

सुप्रीम कोर्ट ने राफेल मामले में सुनवाई 10 मई तक स्थगित कर दी है. 10 मई को ही राहुल गांधी पर अवमानना मामले में भी सुनवाई होगी.

राफेल मामले में जैसे ही सुनवाई शुरू हुई, चीफ जस्टिस ने पूछा कि क्या राहुल गांधी के मामले में भी आज ही सुनवाई होनी है. जब उन्हें इस प्रश्न का उत्तर ना में मिला तो उन्होंने कहा यह कैसे संभव है कि राहुल के मामले में सुनवाई 10 को होगी और इस मामले में आज.

इसके बाद उन्होंने आदेश दिया कि राफेल मामले पर सुनवाई राहुल के मामले के साथ 10 मई को ही होगी. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर ‘चौकीदार चोर है’ कहने को लेकर अवमानना का मामला चल रहा है.

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार को राफेल सौदा मामले में शीर्ष अदालत के फैसले पर पुनर्विचार के लिए दायर याचिकाओं पर चार मई तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था. न्यायालय ने इन पुनर्विचार याचिकाओं पर छह मई को सुनवाई करने की बात कही थी.

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस केएम जोसेफ की पीठ ने पुनर्विचार याचिकाओं पर जवाब दाखिल करने के लिये चार सप्ताह का समय देने का केन्द्र सरकार का अनुरोध अस्वीकार कर दिया था. पीठ ने केन्द्र सरकार से कहा था कि उसे चार मई तक अपना जवाब दाखिल करना होगा.

पूर्व केन्द्रीय मंत्रियों यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी और अधिवक्ता प्रशांत भूषण के अलावा आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह, अधिवक्ता विनीत ढांडा ने भी शीर्ष अदालत के 14 दिसंबर, 2018 के फैसले पर पुनर्विचार के लिये याचिकाएं दायर कर रखी हैं.
केन्द्र सरकार ने पुनर्विचार याचिकाओं पर जवाब दाखिल करने के लिये समय मांगा था.

केन्द्र सरकार ने इस पत्र में कहा था कि सरकार ने पुनर्विचार याचिकाओं में चुनिन्दा दस्तावेजों को आधार बनाये जाने पर आपत्तियां की थीं और न्यायालय ने 10 अप्रैल को इस मुद्दे पर अपना फैसला सुनाया था.

राफेल सौदा मामले में 14 दिसंबर, 2018 के फैसले पर ये पुनर्विचार याचिकायें दायर की गई हैं. सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले में फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने के सौदे को चुनौती देने वाली सारी याचिकायें खारिज करते हुये कहा था कि इस मामले में निर्णय लेने की प्रक्रिया के बारे में संदेह करने की कोई वजह नहीं है.

सुप्रीम कोर्ट ने 10 अप्रैल को इस सौदे से संबंधित लीक कुछ दस्तावेजों पर आधारित अर्जियां स्वीकार कर ली थीं. कोर्ट की ओर से पुनर्विचार याचिकाओं पर केन्द्र की प्रारंभिक आपत्तियों को अस्वीकार करने से केन्द्र सरकार को झटका लगा था. केन्द्र सरकार ने इन दस्तावेजों पर विशेषाधिकार का दावा किया था.

केन्द्र सरकार का तर्क था कि तीन दस्तावेज अनधिकृत तरीके से रक्षा मंत्रालय से निकाले गये हैं. जिसके आधार पर पुनर्विचार याचिका दायर की गई है.


Big News