सुप्रीम कोर्ट ने अनु्च्छेद 370 हटाने के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई के लिए पीठ का गठन किया


we are not a trial court can not assume jurisdiction for every flare up in country

 

सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान खत्म करने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के लिए पांच न्यायधीशों वाली एक पीठ का गठन किया है. न्यायाधीश एनवी रमण इस पीठ का नेतृत्व करेंगे. 1 अक्टूबर से इन याचिकाओं पर सुनवाई शुरू हो सकती है.

मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के नेतृत्व वाली एक बेंच ने 28 अगस्त को इन याचिकाओं को अक्टूबर में सुनवाई के लिए पांच सदस्यीय बेंच के पास भेज दिया था. इसी दिन सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें क्रॉस बॉर्डर नतीजों का हवाला देकर इस मामले में नोटिस ना जारी करने का आग्रह किया गया था.

इस मामले में अनेक याचिकाएं दाखिल की गई हैं. इन याचिकाओं में नेशनल कॉन्फ्रेंस के दो सांसदों मोहम्मद अकबर लोन और हसनैन मसूदी की याचिकाएं शामिल हैं.

रिटायर्ड एयर वाइस मार्शल कपिल काक, गृह मंत्रालय की पूर्व सदस्य राधा कुमार, जम्मू-कश्मीर के पूर्व सेक्रेटरी हिंडल हैदर तैय्यबजी, रिटायर्ड मेजर जनरल अशोक कुमार मेहता जिन्होंने उरी सेक्टर में अपनी सेवाएं दीं और 1965 तथा 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्धों में लड़े, इंटर-स्टेट काउंसिल के पूर्व सचिव अमिताभा पांडे और पूर्व केंद्रीय गृह सचिव जीके पिल्लई ने भी इस मामले में याचिकाएं दायर की हैं.


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