गुजरात राज्यसभा सीटों पर अलग-अलग चुनाव के खिलाफ कांग्रेस की याचिका खारिज
सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात में राज्यसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग के निर्णय को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है. इस याचिका में कांग्रेस की गुजरात इकाई ने अलग-अलग चुनाव कराने के फैसले पर आपत्ति जताई थी और कोर्ट से अनुरोध किया था कि फिलहाल वो इस चुनाव को रोक दे.
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि वो इस मामले में दखल नहीं देगा. इस दौरान कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से कहा कि इस मामले में उनके पास केवल एक विकल्प है कि वे एक चुनाव याचिका दाखिल करें.
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और पार्टी की वरिष्ठ नेता स्मृति ईरानी के गांधीनगर और अमेठी से लोकसभा पहुंचने के बाद गुजरात से राज्यसभा की दो सीटें खाली हो गई हैं.
इससे पहले जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस सूर्यकांत की अवकाश पीठ के समक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा ने मामले की तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया था. पीठ ने इसे स्वीकार करते हुए सुनवाई करने की हामी भरी.
अमरेली से कांग्रेस विधायक और गुजरात विधानसभा में विपक्ष के नेता परेशभाई धनानी ने ये याचिका दायर की थी. इसमें मांग की गई थी कि कोर्ट दोनों उपचुनाव साथ कराने के लिए चुनाव आयोग को निर्देश दे. और आगामी पांच जुलाई को होने वाले चुनाव पर रोक लगा दे.
चुनाव आयोग की ओर से 15 जून को जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार दोनों सीटों के लिए चुनाव पांच जुलाई को ही होने हैं.
हालांकि चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि राज्यसभा सहित दोनों सदनों की सभी रिक्तियों पर उपचुनाव के लिए उन्हें ‘अलग-अलग रिक्तियां’ माना जाएगा और अलग-अलग अधिसूचना जारी की जाएगी. चुनाव भी अलग-अलग होंगे. हालांकि इनका कार्यक्रम समान हो सकता है.
लेकिन गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष अमित चावड़ा ने संवाददाताओं से कहा कि चुनाव आयोग का फैसला ‘असंवैधानिक’ है और बीजेपी ने उपचुनाव अलग-अलग कराने के लिए चुनाव आयोग पर दबाव डाला है.
कांग्रेस को यकीन है कि अगर दोनों सीटों पर एकसाथ चुनाव होता है तो कांग्रेस एक सीट जीत सकती है. 182 सदस्यीय गुजरात विधानसभा में इस समय कांग्रेस के 75 सदस्य हैं वहीं बीजेपी के पास कुल 100 सदस्य हैं. जबकि सात सीटें खाली हैं.