प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन मामलों में SC में आज सुनवाई


supreme court rejects all review petition in ayodhya verdict

 

सुप्रीम कोर्ट आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन मामलों के लिए दर्ज याचिका पर सुनवाई करेगा. ये याचिका कल कांग्रेस सांसद सुष्मिता देव ने दायर की थी. उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पर निर्वाचन नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया था.

वहीं खबर है कि अपनी निष्क्रियता के लिए पहले ही गंभीर सवालों का सामना कर रहा चुनाव आयोग भी आज इन मामलों पर सुनवाई कर सकता है. आयोग कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ दायर शिकायतों पर भी आज अपना फैसला सुना सकता है.

वैसे माना जा रहा है कि चुनाव आयोग सुप्रीम कोर्ट में अपनी फजीहत से बचने के लिए आज आचार संहिता उल्लंघन मामलों पर आनन-फानन में कार्रवाई करने की तैयारी में है. आयोग पर विपक्षी दल ये आरोप लगाते रहे हैं कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सत्ताधारी पार्टी के कई नेताओं के खिलाफ जान-बूझकर आचार संहिता उल्लंघन मामलों में कार्रवाई करने से बचता रहा है.

कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 1 अप्रैल को वर्धा में हुई रैली में दिए गए भाषण को लोगों में दरार डालने वाला करार दिया था. इसके साथ-साथ प्रधानमंत्री ने 9 अप्रैल को लातूर में हुई रैली में पहली बार वोट देने वाले नौजवानों से सेना के नाम वोट करने की अपील की थी. कांग्रेस ने इसकी शिकायत भी आयोग से की थी.

प्रधानमंत्री के खिलाफ आयोग में दायर सीपीएम की शिकायत पर भी आज कार्रवाई हो सकती है. तमिलनाडु में 13 अप्रैल को प्रधानमंत्री ने एक रैली के दौरान सबरीमाला के संदर्भ में कांग्रेस, मुस्लिम लीग और लेफ्ट पार्टियों का जिक्र किया था जिसके बाद सीपीएम आयोग पहुंची थी.

वहीं आयोग ने उठ रहे सवालों पर सफाई दी है कि “ऐसा नहीं है कि कोई कानूनी कदम नहीं उठाए गए है. निर्वाचन नियमों और आदर्श आचार संहिता के संदर्भ में दायर सभी शिकायतों पर आयोग जांच कर रहा है.”

हालांकि यह साफ़ है कि अब तक के चुनावी माहौल में आयोग ने सुप्रीम कोर्ट की फटकार पड़ने के बाद ही आचार संहिता उल्लंघन मामलों में सक्रियता दिखाई है. बसपा प्रमुख मायावती, सपा नेता आजम खान, बीजेपी नेता और बाल और महिला स्वास्थ्य मंत्री मेनका गांधी और कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ आयोग ने तभी कार्रवाई के जब सुप्रीम कोर्ट ने उसे अपनी भूमिका का ठीक से पालन नहीं करने के लिए झिड़का.

पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी भी चुनाव आयोग पर प्रधानमंत्री के खिलाफ दायर शिकायतों को नजरअंदाज करने का आरोप लगा चुके हैं.


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