पिछले 65 सालों में दूसरा सबसे कम बारिश वाला प्री-मानसून सीजन


second driest pre monsoon season in india

 

भारतीय मौसम विभाग के डेटा के अनुसार इस बार प्री-मानसून सीजन में केवल 99 मिलीमीटर बारिश हुई है. इस प्रकार पिछले 65 सालों में यह दूसरा सबसे सूखा प्री-मानसून सीजन रहा.

1954 में प्री-मानसून सीजन अर्थात् मार्च से लेकर मई तक के महीने में केवल 93.3 मिलीमीटर बारिश हुई थी. 2009 में 99 मिलीमीटर और 2012 में 90.5 मिलीमीटर बारिश हुई थी. इस बार के प्री-मानसून सीजन में 99 मिलीमीटर बारिश ही हुई है.

बारिश की यह भारी कमी मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा, और विदर्भ में देखी गई. इसके अलावा कोंकण-गोआ, सौराष्ट्र और कच्छ, तमिलनाडु और पुडुचेरी में भी बारिश में भारी कमी देखी गई.

जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्सों, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, उत्तरी कर्नाटक के भीतरी हिस्सों, तेलंगाना और रायलसीना में भी प्री-मानसून सीजन में होने वाली बारिश में कमी आई. हालांकि, महाराष्ट्र के मुकाबले इन इलाकों की स्थिति काफी अच्छी रही.

भारतीय मौसम विभाग में क्लाईमेट एप्लीकेशन एंड यूजर इंटरफेस के प्रमुख पुलक गुहाठाकुर्ता ने बताया कि पिछली शताब्दी में पश्चिमी भारत में प्री-मासून सीजन में होने वाली बारिश में लगातार कमी आई है. हालांकि, पूरे देश में ऐसा नहीं हो रहा है. उन्होंने कहा कि पश्चिमी भारत में ऐसा मानसून के पैटर्न में बदलाव में आने के कारण हो रहा है.

उन्होंने आगे बताया कि प्री-मानसून सीजन में होने वाली बारिश खेती के लिए अत्यधिक आवश्यक होती है. इससे भूजल का स्तर बना रहता है और मिट्टी में नमी बनी रहती है.


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