एएमयू के 14 छात्रों पर राजद्रोह का मुकदमा
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी(एएमयू) के 14 छात्रों पर राजद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया है. पुलिस ने छात्रों पर यह कार्रवाई बीजेपी युवा मोर्चा की तरफ से दायर की गई एफआईआर पर की है. इसके साथ ही पुलिस 56 छात्रों के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी करने की तैयारी कर रही है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एक कार्यक्रम को कवर करने के मामले में रिपब्लिक टीवी और यूनिवर्सिटी के छात्रों के बीच झड़प हो गई थी. यूनिवर्सिटी प्रशासन और छात्रों के मुताबिक रिपब्लिक टीवी बगैर किसी अनुमति के कार्यक्रम कवर करने आई थी.
एएमयू छात्रसंघ अध्यक्ष के मुताबिक, “रिपब्लिक टीवी के संवादाताओं को प्रोग्राम के कवरेज से रोका गया था क्योंकि उनके पास कोई अनुमति नहीं थी और वो भड़काने वाले सवाल पूछ रहे थे. इस पर रिपब्लिक टीवी वालों ने ‘आतंकवादियों का यूनिवर्सिटी’ जैसे नारे लगाने शुरू कर दिए.”
एएमयू के साइंस फैकल्टी के कांफ्रेंस हॉल में छात्रसंघ की ओर से एक कार्यक्रम में कई राजनीतिक पार्टी के नेता शामिल होने वाले थे. इसमें एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी को भी बुलाया गया था. लेकिन वो इसमें शामिल नहीं हो सके.
यूनिवर्सिटी छात्रसंघ अध्यक्ष सलमान इम्तियाज ने अपने फेसबुक पेज पर अर्जेंट प्रेस रिलीज नाम से एक पोस्ट किया है. इस पोस्ट के मुताबिक, “रिपब्लिक टीवी के संवादाताओं ने कार्यक्रम की जगह पर पहुंचकर घटिया सवाल पूछने लगे. वो एएमयू को आतंक और देश-विरोधी गतिविधियों से जोड़ रहे थे. इस दौरान जब छात्रों ने टीवी वालों के व्यवहार पर आपत्ति दर्ज करते हुए कहा कि प्रोग्राम कवरेज से पहले इसकी अनुमति लेनी होगी. इस पर टीवी की महिला पत्रकार ने छात्रों को यह कहकर धमकाना शुरू कर दिया कि यौन उत्पीड़न का केस ठोक दूंगी. रिपब्लिक टीवी वालों के साथ कुछ बाहरी लोग भी थे. इनमें युवा मोर्चा का मुकेश लोढ़ी छात्रों को हथियार दिखाकर धमका रहा था.”
इम्तियाज ने इस पोस्ट में आगे लिखा है कि छात्रों पर राजद्रोह का मुकदमा झूठा है और यह सरकार के तानाशाही रवैये को दिखाता है.
इस पूरे मामले में यूनिवर्सिटी प्रशासन ने बगैर अनुमति के कवरेज को लेकर रिपब्लिक टीवी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाया है. वहीं आठ छात्रों को निलंबित कर दिया है.
एएमयू में इंटरनेट सेवा बंद कर दिया गया है. कैंपस पुलिस छावनी में बदल गई है.
फिलहाल राजद्रोह के मुकदमे और कैंपस में बीजेपी के कथित दखलअंदाजी के खिलाफ छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं.
छात्रसंघ अध्यक्ष ने फेसबुक पोस्ट में यह भी लिखा है कि बीजेपी लोकसभा चुनाव को देखते हुए एएमयू को सांप्रदायिक राजनीति के लिए प्लेटफॉर्म की तरह इस्तेमाल कर रही है. सरकार पूरी तरह से विकास के मुद्दे और राफेल को लेकर घिर चुकी है, इसलिए देश को सांप्रदायिकता के रंग में रंग देना चाहती है.