नागरिकता विधेयक मामले में हिरेन गोहेन पर राजद्रोह का मुकदमा दर्ज
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असम में नागरिकता (संशोधन) विधेयक के खिलाफ जारी प्रदर्शनों के बीच असमी साहित्यकार और साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता डॉक्टर हिरेन गोहेन, वरिष्ठ पत्रकार मंजीत महंत और केएमएसएस नेता अखिल गोगोई के खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया है.
गुवाहाटी के पुलिस आयुक्त दीपक कुमार ने पत्रकारों को बताया कि पुलिस ने स्वत: संज्ञान लेते हुए लातासिल पुलिस थाने में भारतीय दंड संहिता(आईपीसी) की धारा 124 (ए), 120 (बी) समेत संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है.
कुमार ने कहा, “इन सभी के खिलाफ एक मुकदमा दर्ज किया गया है. मैं इसकी जांच कर रहा हूं कि यहां सात जनवरी को हुई ‘नागरिक समाज’ की बैठक के दौरान उन्होंने क्या कहा था.”
तीनों एक संगठन ‘नागरिक समाज’ के सदस्य हैं जो नागरिकता (संशोधन) विधेयक का विरोध कर रहा है.
असम और दूसरे पूर्वोत्तर राज्यों में इस विधेयक के खिलाफ लोगों का बड़ा तबका प्रदर्शन कर रहा है. नार्थ-ईस्ट छात्र संगठन(एनईएसओ) के अध्यक्ष सैमुअल जिरवा ने भी कहा था, “भारत सरकार का ये खाका बहुत खतरनाक है, ये क्षेत्र में मूल निवासियों को ही अल्पसंख्यक बना देगा.”
कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, माकपा समेत कुछ दूसरी पार्टियां ने भी लगातार इस विधेयक का विरोध किया है. उनका दावा है कि धर्म के आधार पर नागरिकता नहीं दी जा सकती है. यह असंवैधानिक है.
यह विधेयक, नागरिकता कानून 1955 में संशोधन के लिए लाया गया है. कानून बनने के बाद पड़ोसी मुल्कों के अल्पसंख्यक समुदायों को 12 साल के बजाए छह साल भारत में गुजारने पर बगैर उचित दस्तावेजों के भी भारतीय नागरिकता मिल सकेगी.
नागरिकता संशोधन विधेयक लोकसभा में पास किया जा चुका है. राज्यसभा में यह अभी तक अटका हुआ है.