अलगाववादियों का यमन के दूसरे सबसे बड़े शहर अदन पर कब्जा


Separatists occupy Yemen's second largest city, Adan

 

यमन अलगाववादियों ने पोर्ट शहर अदन पर कब्जा कर लिया है. वैश्विक समर्थन से बनी सरकार के सुरक्षाबलों और अलगावादियों के बीच झड़प हुई है. अदन से ही राष्ट्रपति अब्देरब्बो मंसूर हादी की सरकार का कामकाज चलता है.

संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि यमन के दूसरे बड़े शहर अदन में सुरक्षा बलों और विद्रोहियों के बीच हुई झड़पों में 40 लोगों की मौत हुई है और 260 लोग घायल हैं.

संयुक्त राष्ट्र ने एक बयान में कहा, “अदन शहर में आठ अगस्त से शुरू हुईं झड़पों में कई नागरिकों की मौत हो चुकी है. शुरुआती रिपोर्टों के मुताबिक वहां 40 लोगों की मौत हुई है और 260 लोग घायल हैं.”

यूएई समर्थित साउथर्न ट्रांजिसन काउंसिल(एसटीसी) ने कहा कि वह राष्ट्रपति आवास और सैन्य कैम्प को कब्जे से मुक्त करवा लिया है. एसटीसी दक्षिण हिस्से की स्वतंत्रता चाहता है.

न्यूज एजेंसी एएफपी ने एक अलगाववादी के हवाले से बताया कि बिना संघर्ष के ही राष्ट्रपति आवास को कब्जे में ले लिया गया है.

सऊदी अरब के नेतृत्व वाली गठबंधन सेना ने कहा कि उसने यमन में दक्षिणी अलगाववादियों के खिलाफ हमले शुरू कर दिए हैं. अलगाववादियों के अदन में राष्ट्रपति भवन पर कब्जा करने के बाद उसने यह बात कही.

रियाद समर्थित यमन सरकार ने संयुक्त अरब अमीरात से समर्थन प्राप्त तख्तापलट की निंदा की है. राष्ट्रपति भवन पर कब्जा जमाए जाना अलगाववादियों और सरकार की वफादार सेना के बीच गहरी खाई को दिखाती है. दोनों ने ही शिया हूती विद्रोहियों से लड़ाई लड़ी है.

गठबंधन सेना ने एक बयान में कहा, ‘‘गठबंधन ने उस इलाके को निशाना बनाया जो वैध सरकार के महत्वपूर्ण स्थानों में से एक के लिए सीधा खतरा है.’’

यमन के राष्ट्रपति अब्देरब्बो मंसूर हादी को सऊदी अरब और उसके सहयोगी संयुक्त अरब अमीरात के नेतृत्व वाले गठबंधन का समर्थन प्राप्त था जो यमन में हूतियों से लड़ रही है. लेकिन हूती विरोधी गठबंधन में संयुक्त अरब अमीरात द्वारा प्रशिक्षित अन्य सेना सिक्योरिटी बेल्ट फोर्स  से सात अगस्त से ही अदन में सरकार की वफादार सेना से लड़ रही है.

‘सिक्योरिटी बेल्ट फोर्स’ के एक अधिकारी ने 10 अगस्त की देर रात बताया कि उन्होंने राष्ट्रपति भवन पर कब्जा कर लिया है. यह फोर्स साउदर्न ट्रांजिशनल काउंसिल (एसटीसी) का समर्थन करती है जो दक्षिणी यमन को स्वतंत्र राज्य के रूप में बहाल करने का मांग करती है जैसे कि वह 1967 से 1990 तक के दौर में था.

यमन सरकार ने शनिवार देर रात एसटीसी और संयुक्त अरब अमीरात को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया.


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