मांग में कमी के चलते सेवा क्षेत्र अगस्त में रहा सुस्त: पीएमआई
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ऑटोमोबाइल क्षेत्र, विनिर्माण और कारखाना क्षेत्र का मंदी के चपेट में आने के बाद अब देश के सेवा क्षेत्र की गतिविधियां सुस्त पड़ गई हैं.
नए कारोबार की धीमी वृद्धि दर,रोजगार सृजन और उत्पादन में बढ़ोत्तरी के मध्यम दर से बढ़ने के कारण सेवा क्षेत्र की गतिविधियां अगस्त में सुस्त रहीं.
4 सितंबर को एक नए मासिक सर्वेक्षण में यह दिखाया गया है.
आईएचएस मार्केट का इंडिया सर्विसेज बिजनेस एक्टिविटी सूचकांक (पीएमआई) अगस्त में घटकर 52.4 पर रह गया. जुलाई में यह आंकड़ा 53.8 पर था. ये हालिया आंकड़े उत्पादन में बढ़ोत्तरी की दर में कमी को दर्शाते हैं. इस सूचकांक में विनिर्माण एवं सेवा क्षेत्र दोनों को शामिल किया जाता है.
सूचकांक का 50 से अधिक रहना विस्तार दर्शाता है जबकि 50 से नीचे का सूचकांक संकुचन का संकेत देता है.
आईएचएस मार्केट की प्रधान अर्थशास्त्री पीडी लिमा ने कहा, “भारत के सेवा क्षेत्र का पीएमआई विनिर्माण क्षेत्र के रुझान के मुताबिक ही है. यह वित्त वर्ष 2019-20 की दूसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था में नरमी की बुरी खबर लेकर आ रहा है.”
हालांकि, पीएमआई आउटपुट सूचकांक में लगातार 18वें महीने विस्तार देखने को मिला.
वहीं नए ऑर्डर में जुलाई के मुकाबले अगस्त में अधिक नरमी देखने को मिली. अगस्त में निजी क्षेत्र की नौकरियों में वृद्धि देखने को तो मिली लेकिन उसकी रफ्तार बहुत धीमी रही.
हालांकि, गिरावट के बावजूद सेवा प्रदाता आने वाले 12 महीनों में कारोबारी गतिविधियों में वृद्धि को लेकर आश्वस्त हैं.