लेबर पार्टी के सात सांसदों ने दिया इस्तीफा


Seven MPs have resigned from the Labour Party

 

ब्रिटेन में चुका उमुन्ना और लुसियाना बर्जर सहित सात लेबर सांसदों ने पार्टी से यह कहते हुए इस्तीफा दे दिया है. अब वो संसद में अलग समूह में बैठेंगे.

सांसदों ने पार्टी छोड़ने के बाद पार्टी प्रमुख जेरेमी कॉर्बिन पर कई तरह के आरोप-प्रत्यारोप लगाए हैं.

सांसदों ने उन पर आरोप लगाया कि उन्‍होंने पार्टी को ‘संस्थागत रूप से यहूदी विरोधी पार्टी’ के रूप में बदल दिया है. इसके साथ ही उन्होंने पार्टी में अपनी गुंडागर्दी, उत्‍पीड़न और उग्र लेफ्ट रूख को बढ़ावा दिया है.

बर्जर ने कहा कि वह लेबर पार्टी कि सदस्य होने के कारण शर्मिंदा हो गई थी क्योंकि वह इसके एंटीसेमिटिज्म रैंक से निपटने में असफल रही थीं.

उन्होंने कहा, “मैं कट्टरता और डराने धमकाने की संस्कृति को पीछे छोड़ रही हूं. मैं उन सहयोगियों के साथ सेवा करने वाले भविष्य की आशा करती हूं जो एक-दूसरे का सम्मान करते हों.”

नॉटिंघम पूर्व के सांसद शैडो चांसलर लेस्ली ने कहा कि लेबर पार्टी को हार्ड लेफ्ट की मशीन पॉलिटिक्स से अपहृत किया गया था. अब यह वह पार्टी नहीं रही जिससे वह और बाकी लोग जुड़े थे.

ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि थेरेसा मे की यूरोपीय संघ की नीति को लेकर कई मध्यमार्गी कंजर्वेटिव राजनेता भी पार्टी में अपने भविष्य पर विचार कर रहे हैं.

दोनों दलों के सांसदों को संभावित चुनावों के खतरे का सामना करना पड़ रहा है. चुका उमुन्ना और लुसियाना बर्जर सहित सात लेबर सांसदों ने पार्टी से यह कहते हुए इस्तीफा दे दिया कि वे नए स्वतन्त्र समूह में बठेंगे.

लिवरपूल वैवेर्ट्री के संसद बर्जर ने कहा कि यह सभी के लिए खतरनाक, दर्दनाक लेकिन आवश्यक निर्णय था.

बर्जर ने कहा कि वह लेबर पार्टी कि सदस्य होने के कारण शर्मिंदा और शर्मिंदा हो गई थी क्योंकि वह इसके एंटीसेमिटिज्म रैंक से निपटने में असफल रही.

उन्होंने कहा, ‘मैं कट्टरता और डराने धमकाने की संस्कृति को पीछे छोड़ रही हूं. मैं उन सहयोगियों के साथ सेवा करने वाले भविष्य की आशा करती हूं जो एक-दूसरे का सम्मान करते हों.

नॉटिंघम पूर्व के सांसद और पूर्व शैडो चांसलर लेस्ली ने कहा कि लेबर पार्टी को ‘हार्ड लेफ्ट की मशीन पॉलिटिक्स से अपहृत’ किया गया था. अब यह वह पार्टी नहीं रही जिससे वह और बाकी लोग जुड़े थे.

ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि ‘थेरेसा मे’ की यूरोपीय संघ की नीति को लेकर कई मध्यममार्गी कंजर्वेटिव राजनेता भी पार्टी में अपने भविष्य पर विचार कर रहे हैं.

दोनों दलों के सांसदों को संभावित चुनावों के खतरे का सामना करना पड़ रहा है,  जहां उनके विचार ब्रेग्जिट पर स्थानीय निर्वाचन क्षेत्र के सदस्यों के साथ टकराव या नेतृत्व के प्रति उनकी निष्ठा है.


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