शाहीन बाग प्रदर्शनकारी : प्रदर्शन स्थल से जुड़ी समानांतर सड़क खोली जाए तो सुरक्षा का आदेश दे कोर्ट
सीएए-एनपीआर-एनआरसी को लेकर विरोध कर रहे शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी चाहते हैं कि प्रदर्शन स्थल के साथ लगती सड़क को यदि खोला जाता है तो सुप्रीम कोर्ट प्रशासन को उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने का आदेश जारी करे.
शाहीन बाग में प्रदर्शनकारियों ने सुप्रीम कोर्ट के नियुक्त वार्ताकारों से शुक्रवार को यह बात कही.
वार्ताकार वरिष्ठ अधिवक्ता संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन ने शुक्रवार शाम को तीसरे दिन शाहीन बाग में बातचीत शुरू की.
अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली और नोएडा के बीच कालिंदी कुंज रोड पर शुक्रवार को भी अवरोध जारी रहा और उसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है.
दिल्ली पुलिस ने स्वीकार किया कि प्रदर्शनकारियों ने समानांतर सड़क अवरुद्ध नहीं की है लेकिन उन्होंने प्रदर्शन स्थल पर सुरक्षा देने के लिए अवरोधक लगाए हैं.
नोएडा को दक्षिण दिल्ली और फिर हरियाणा में फरीदाबाद से जोड़ने वाली सड़क 15 दिसंबर से शाहीन बाग में चल रहे संशोधित नागरिकता कानून विरोधी प्रदर्शन के कारण बंद है.
पुलिस ने बताया कि एम्बुलेंस और स्कूल बसों जैसे जरूरी वाहनों को ही इस सड़क से जाने की अनुमति दी जा रही है.
एक महिला प्रदर्शनकारी ने वार्ताकारों को बताया, ‘इलाके की कई दूसरी सड़कें जब खुली हुई हैं तो वे हमें इस सड़क से हटाने पर क्यों जोर दे रहे हैं. दिल्ली-नोएडा को जोड़ने वाली यह एकमात्र सड़क नहीं है.’
हेगड़े ने कहा, ‘आज शिवरात्रि है. हमारा बोलने का अधिकार है, बोलिए. आप जो कुछ भी कहना चाहते हैं कहिए. यहां प्रभावित सभी पक्षों के लिए एक संयुक्त फैसला लेते हैं.’
प्रदर्शनकारियों ने वार्ताकारों को बताया कि उनके तंबू की समानांतर सड़क पर पुलिस ने अवरोधक लगाए हैं. इसके अलावा शाहीन बाग-कालिंदी कुंज मार्ग को जोड़ने वाली दो अन्य सड़कों को भी पुलिस द्वारा अवरुद्ध किया गया है.
वार्ताकारों ने प्रदर्शनकारियों से मामले पर चर्चा के लिए पुलिस को भी मौके पर बुलाया था.
पुलिस के एक अधिकारी ने वार्ताकारों को बताया कि समानांतर सड़क के साथ ही कुछ अन्य सड़कों को भी प्रदर्शन स्थल को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए बंद किया गया है.
पुलिस अधिकारी ने कहा, ”हमनें प्रदर्शन स्थल की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए समानांतर सड़क पर अवरोधक लगाए हैं. अगर सड़क यात्रियों के लिए खोल दी जाती है तो हम प्रदर्शनकारियों के लिए दोगुनी सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे.”
एक महिला प्रदर्शनकारी ने वार्ताकारों को बताया, ”सरकार सोचती है कि महिलाएं अशिक्षित हैं. हम सभी शिक्षित महिलाएं हैं जो जानती हैं कि हम किस लिए लड़ रही हैं. हमें सीएए और एनआरसी के बारे में और जानकारी दे रहे जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों को पीटा जा रहा है. पुलिस अगर हम पर गोली चलाने वाले लोगों को नहीं रोक सकती तो वे ये दावा कैसे कर रहे हैं कि अगर समानांतर सड़क खुल जाती है तो वे हमारी सुरक्षा करेंगे.”
एक अन्य महिला प्रदर्शनकारी ने कहा, ”हम लिखित में चाहते हैं कि अगर हमला या गोली चलने की एक भी घटना हुई तो थानाध्यक्ष से लेकर पुलिस आयुक्त तक सभी पुलिस अधिकारियों को हटा दिया जाएगा. गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि एनआरसी जल्द नहीं आने जा रही, इसलिए उनसे एक परिपत्र जारी करने को कहिए जिसमें यह बात हो कि वे अब एनआरसी नहीं ला रहे हैं. हम चाहते हैं कि अगर प्रदर्शन स्थल के बगल वाली सड़क खोली जाती है तो सुप्रीम कोर्ट हमारी सुरक्षा के लिए एक आदेश जारी करे.”
वार्ताकारों ने गुरुवार को कुछ प्रदर्शनकारियों और पुलिस अधिकारियों के साथ जाकर दिल्ली को नोएडा से जोड़ने वाली सभी सड़कों का मुआयना किया था.
रामचंद्रन ने कहा, ”जब हमने सड़कों का निरीक्षण किया तो पाया कि आप (प्रदर्शनकारी) सही थे. कई सड़कें खुली हैं जिन्हें पुलिस ने बंद कर रखा है. मैं यह कहते हुए बेहद व्यथित हूं कि नोएडा-फरीदाबाद मार्ग जो शुक्रवार को खुला था उसे पुलिस ने फिर बंद कर दिया है. जिस किसी ने भी यह किया है वह अब सुप्रीम कोर्ट के प्रति जवाबदेह है.”
हेगड़े ने कहा कि वार्ताकार प्रदर्शनकारियों के काफी निकट थे और वे विशेषकर सुरक्षा को लेकर ”उनकी घबराहट, दर्द और डर को अच्छी तरह समझ” सकते हैं.
उन्होंने कहा, ”प्रदर्शनकारियों ने शुरुआत में जो सड़क बाधित नहीं की थी, उसे एक ओर से खोलने को लेकर पहले कदम के तौर पर चर्चा की गई. प्रदर्शनकारियों ने एक बार फिर स्पष्ट किया कि जिस ओर प्रदर्शन नहीं हो रहा, वहां अवरोधक शुरुआत में उन्होंने नहीं, बल्कि दिल्ली पुलिस ने लगाए थे. हालांकि बाद में प्रदर्शनकारियों को लगा कि जिस जगह प्रदर्शन नहीं हो रहे उस सड़क को बंद रखने से उनकी सुरक्षा सुनिश्चित होगी, खासकर उन पर पहले हुई गोलीबारी की कोशिश की घटनाओं के मद्देनजर उन्हें ऐसा लगता है.”
हेगड़े ने कहा, ”हम पुलिस द्वारा नोएडा-फरीदाबाद सड़क खोले जाने से सुबह बहुत खुश थे. इससे फरीदाबाद के यात्रियों को काफी राहत मिली. हालांकि हमें सूचित किया गया कि कुछ ही देर बाद पुलिस ने किसी स्पष्ट कारण के बिना सड़क पर फिर अवरोधक लगा दिए. यह हमारे लिए काफी निराशाजनक है और हम इस बात पर जोर देते हैं कि सड़कों पर फिर अवरोधक लगाने से पुलिस की ओर से विश्वास जीतने की कोशिश विफल हो जाएगी.”