जामिया हिंसा: शरजील इमाम को 3 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया


sharjeel imam sent to judicial custody till third march in jamia voilence

 

दिल्ली की एक अदालत ने शरजील इमाम तीन मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया.

दिल्ली पुलिस ने न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के मामले में अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया, जिसमें शरजील इमाम पर लोगों को ”उकसाने” का आरोप लगाया गया है.

अदालत ने इमाम को तीन मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया जिसे पिछले महीने राजद्रोह के मामले गिरफ्तार किया गया था.

मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट गुरमोहिना कौर की अदालत में दिल्ली पुलिस ने आरोपपत्र दायर किया, जिसमें इमाम पर हिंसा के लिए लोगों को उकसाने का आरोप लगाया गया है. पुलिस ने आरोपपत्र के साथ सीसीटीवी फुटेज, कॉल रिकॉर्ड्स और 100 से अधिक गवाहों के बयान बतौर प्रमाण संलग्न किए गए हैं.

अदालत ने 17 फरवरी को इमाम को एक दिन की दिल्ली पुलिस की हिरासत में भेजा था क्योंकि हिंसा मामले में एक अन्य आरोपी फुरकान ने अपने बयान में आरोप लगाया कि उसे इमाम के भाषणों ने उकसाया था, जिसके बाद मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट गुरमोहिना कौर ने यह आदेश दिया था.

पुलिस ने इससे पहले अदालत को बताया था कि फुरकान को एक सीसीटीवी फुटेज के आधार पर गिरफ्तार किया गया था जिसमें उसे एक कंटेनर ले जाते हुए देखा जा सकता है और कंटेनर में कथित तौर पर पेट्रोल था.

मामले में 16 दिसंबर को चार लोगों को गिरफ्तार किया गया था और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था. फुरकान को बाद में गिरफ्तार किया गया था.

जामिया मिलिया इस्लामिया और अलीगढ़ में भड़काऊ भाषण देने के आरोप में इमाम को 28 जनवरी को बिहार के जहानाबाद से गिरफ्तार किया गया था.

इमाम के खिलाफ 26 जनवरी को राजद्रोह और अन्य आरोपों में मामला दर्ज किया गया था.

पिछले साल 15 दिसंबर को नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ एक प्रदर्शन के दौरान जामिया मिलिया इस्लामिया के पास न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में पुलिस के साथ हुए संघर्ष में प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर चार सार्वजनिक बसों और दो पुलिस वाहनों को जला दिया था. इस घटना में छात्रों, पुलिसकर्मियों और दमकलकर्मियों समेत लगभग 60 लोग घायल हो गए थे.


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