‘‘सत्ता का घमंड’’ करने वालों के लिए सबक है महाराष्ट्र चुनाव परिणाम: शिवसेना
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019 के नतीजे सामने आने बाद शिवसेना ने अपनी गठबंधन साथी बीजेपी को सत्ता का घमंड नहीं करने की हिदायत दी है. शिवसेना ने चुनाव में उम्मीद से कम प्रदर्शन करने वाली बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य में कोई ”महाजनादेश” नहीं है और यह परिणाम वास्तव में उन लोगों के लिए सबक है, जो ‘सत्ता के घमंड में चूर’ थे.
शिवसेना ने आज अपने मुखपत्र ‘सामना’ में जनता के जनादेश को स्वीकार करने की बात लिखते हुए कहा कि ‘यह जनादेश है महाजनादेश नहीं, इसे स्वीकार करना पड़ेगा…इस जनादेश ने यह धारणा खारिज कर दी है कि दल बदलकर और विपक्षी दलों में सेंध लगाकर बड़ी जीत हासिल की जा सकती है.’
लेख में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साधते हुए लिखा गया है कि ‘अति नहीं, उन्माद नहीं वर्ना समाप्त हो जाओगे…मजबूत विरोधी पक्ष के रूप में मतदाताओं ने उन्हें (कांग्रेस-एनसीपी) एक जिम्मेदारी सौंपी है. ये एक प्रकार से सत्ताधीशों को मिला सबक है.’
चुनाव में एनसीपी और कांग्रेस ने पहले से बेहतर प्रदर्शन किया है. सम्पादकीय में परिणामों का विश्लेषण करते हुए कहा गया कि परिणाम दर्शाते हैं कि विपक्षियों को राजनीति में खत्म नहीं किया जा सकता.
शिवसेना को सातारा की हार का बेहद दुख है. पत्र लिखता है, ‘उदयनराजे द्वारा पक्षांतर के पश्चात दिल्ली में अमित शाह के बंगले पर हरियाली छा गई और अब सातारा के छत्रपति स्वयं बीजेपी के साथ होने के कारण महाराष्ट्र में हमें ही शिवराय का आशीर्वाद प्राप्त होने की घोषणा मुख्यमंत्री फडणवीस ने की. लेकिन सातारा की जनता ने उदयनराजे को हरा दिया, इससे सबक लेने की आवश्यकता है.’
शिवसेना ने एनसीपी नेता शरद पवार के जुझारूपन को सराहा. ‘सामना’ में लिखा गया है, ‘बड़ी जीत का सपना टूट गया लेकिन सत्ता बचाने में सफलता मिली, इतना ही समाधान है. शरद पवार कसा हुआ नेतृत्व करते हुए एक जिद के साथ लड़े. मुख्यमंत्री ने महाराष्ट्र में खुद को तेल लगाए हुए पहलवान के रूप में प्रस्तुत किया लेकिन बड़े मन से इसे स्वीकार करना होगा कि ‘तेल’ थोड़ा कम पड़ गया और माटी की कुश्तीवाले उस्ताद के रूप में शरद पवार ने ‘गदा’ जीत ली है. ‘
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन को कुल 288 सीटों में 161 सीटें मिली हैं. वहीं कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन को 98 सीटों पर जीत मिली है. 27 सीटें निर्दलीय और अन्य पार्टियों के खाते में गईं.
मुख्यमंत्री पद के बारे में पूछे जाने पर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कल साफ कर दिया कि यह समय 50:50 फॉर्मूले को लागू करने का है. वहीं वर्ली से जीत दर्ज करने वाले आदित्य ठाकरे के विधानसभा क्षेत्र में आज बधाई संदेश देते हुए लगाए गए पोस्टरों पर सबकी नजरे जा रही हैं. इन पोस्टरों में आदित्य ठाकरे को ‘भावी मुख्यमंत्री’ कहकर संबोधित किया गया है.