कर्नाटक: सिद्धरमैया ने विश्वासमत जीतने का भरोसा जताया, बीजेपी ने विधायकों को रिजॉर्ट भेजा


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कांग्रेस और जद(एस) के तीन बागी विधायक कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष के आर रमेश कुमार से मुलाकात के लिए नहीं आए. अध्यक्ष ने उनके इस्तीफे को लेकर निजी तौर पर मिलने को कहा था.

इनमें एक विधायक जद(एस) के नारायण गौड़ा और कांग्रेस के आनंद सिंह और प्रताप गौड़ा पाटिल हैं.

वहीं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सिद्धरमैया ने कहा कि एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार का विश्वास मत हासिल किये जाने का फैसला दोनों सत्ताधारी सहयोगियों द्वारा लिया गया है. उन्होंने कहा कि उनके पास जरूरी आंकड़े हैं.

कांग्रेस विधायक दल के नेता ने यह भी कहा कि वह रोशन बेग को छोड़कर असंतुष्ट पार्टी विधायकों से बात कर रहे हैं. बेग के पार्टी से निलंबित होने की वजह से उनसे बात नहीं की जा रही है.

उन्होंने कहा कि कल चर्चा के बाद हमने यह विश्वास मत का फैसला लिया है.

सत्ताधारी गठबंधन के 16 विधायकों के इस्तीफा देने के बाद सरकार गिरने के कगार पर है लेकिन कुमारस्वामी ने विधानसभा में घोषणा की कि वह विश्वास मत हासिल करना चाहेंगे.

विधानसभा के 11 दिवसीय सत्र के पहले दिन सदन की बैठक में मुख्यमंत्री ने सत्तारूढ़ गठबंधन के 16 विधायकों के इस्तीफा देने की पृष्ठभूमि में यह अप्रत्याशित घोषणा की. विधायकों के इस्तीफे की वजह से सरकार का अस्तित्व खतरे में है.

सत्ताधारी गठबंधन बहुमत कैसे हासिल करेगा, इस सवाल पर सिद्धरमैया ने कहा, “आप इसका खुलासा कैसे कर सकते हैं? यह आपको तब पता चलेगा जब विश्वास मत का प्रस्ताव लाया जाएगा. यह कैसे होगा, कौन मौजूद रहेगा इन चीजों का खुलासा अभी नहीं किया जा सकता.”

एक सवाल के जवाब में उन्होंने बीजेपी के कथित तख्तापलट अभियान के पलटवार के तौर पर जवाबी-अभियान चलाए जाने की आशंका को खारिज करते हुए कहा कि उनकी पार्टी अभियानों में विश्वास नहीं रखती.

कर्नाटक में तेज राजनीतिक हलचल देखते हुए बीजेपी ने अपने सभी विधायकों को बेंगलुरू के नजदीक स्थित एक रिसॉर्ट में रखने का फैसला किया है. सत्तारूढ़ कांग्रेस-जदएस गठबंधन द्वारा विधायकों की खरीद-फरोख्त के प्रयास की आशंका के बीच बीजेपी ने यह कदम उठाया है.

रिसॉर्ट की राजनीति कर्नाटक के लिए कोई नई बात नहीं है. सत्तारूढ़ गठबंधन ने इससे पहले भी संकट के दौरान अपने विधायकों को शहर के बाहरी इलाके के एक रिसॉर्ट में रखा था.

अध्यक्ष के अलावा सत्तारूढ़ गठबंधन का कुल संख्याबल 116 (कांग्रेस-78, जद(एस)-37 और बसपा-1) है. दो निर्दलीय उम्मीदवारों का भी सरकार को समर्थन प्राप्त था, लेकिन, उन्होंने सोमवार को मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. उधर बीजेपी के पास 107 विधायक हैं.
224 सदस्यीय सदन में बहुमत के लिए 113 विधायकों का समर्थन जरूरी है.

अगर 16 विधायकों के इस्तीफे स्वीकार कर लिए जाते हैं, तो गठबंधन का संख्याबल घटकर 100 रह जाएगा.

कुमारस्वामी की अप्रत्याशित घोषणा और शक्ति परीक्षण के लिए बीजेपी की तैयारी से संबंधित सवाल पर येदियुरप्पा ने कहा कि वे कुमारस्वामी के बयान के आधार पर अपनी रणनीति तय करेंगे.

उन्होंने कहा, ‘‘एक मुख्यमंत्री के तौर पर, उन्होंने यह बयान दिया है, मैं इससे कैसे मना कर सकता हूं. यह उन्हीं पर छोड़ते हैं. विश्वास मत प्रस्ताव को लेकर मुख्यमंत्री क्या बोलते हैं, उसके आधार पर हम अपनी रणनीति तय करेंगे.’’

सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष केआर रमेश कुमार से कहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन के 10 बागी विधायकों के इस्तीफों और उनकी अयोग्यता के मसले पर 16 जुलाई तक कोई भी निर्णय न लिया जाये.


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