सिसोदिया ने सीतारमण से मुलाकात कर केंद्रीय करों में हिस्सा मांगा
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शुक्रवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात कर केंद्रीय करों में दिल्ली की हिस्सेदारी की मांग की, जिसके बारे में उन्होंने कहा कि इससे यमुना नदी की सफाई की गति तेज होगी और राष्ट्रीय राजधानी में बिजली एवं जलापूर्ति के लिए पर्याप्त इंतजाम किया जा सकेगा .
दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार में वित्त विभाग संभालने वाले सिसोदिया ने ट्वीट किया कि केंद्रीय करों में 2001 के बाद से दिल्ली को कोई हिस्सा नहीं मिला है .
बैठक के दौरान दिल्ली के सभी तीन निगर निगमों के लिए भी ठीक उसी तरह कोष देने की मांग की जिस तरह केंद्र सरकार अन्य राज्यों के स्थानीय निकायों को धन देती है .
सरकार की ओर से जारी बयान के अनुसार, सिसोदिया ने पत्र लिख कर सीतारमण से केंद्रीय करों में दिल्ली को हिस्सेदारी दिये जाने पर विचार करने का आग्रह किया.
सिसोदया ने संविधान के पूर्ववर्ती अनुच्छेद 270(3) का हवाला दिया जो केंद्र और केंद्रशासित प्रदेशों के बीच करों में हिस्सेदारी की व्याख्या करता है .
आप नेता ने पत्र में कहा कि दिल्ली सरकार को वैश्विक मानकों पर आधारभूत संरचना को बनाये रखना होता है . इसे तेजी से बढ़ती जनसंख्या के लिए नागरिक सुविधायें आपूर्ति करने में सुधार करना है, जो व्यवस्थित रोजगार और शहर में बेहतर जीवन यापन की इच्छा रखते हैं .
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके परिणाम स्वरूप शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक, खाद्य सुरक्षा, परिवहन, सड़कें एवं अस्पताल सहित अन्य क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर निवेश करने की आवश्यकता है .
उन्होंने कहा कि लापरवाही से पूर्ववर्ती अनुच्छेद 270(3) को हटा दिये जाने के बाद भी दिल्ली सरकार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में विकास की जरूरतों को पूरा करने के लिए केंद्रीय करों में से अन्य राज्यों की तरह उचित वार्षिक वृद्धि के साथ हर साल कम से कम 7,000 करोड़ रुपये मिलने चाहिए .