सेमीफाइनल की दौड़ में बनी रहने की कोशिश करेंगी पाकिस्तान और द. अफ्रीका की टीमें


south africa and pakistan teams would like to win a consolation win

 

दक्षिण अफ्रीका और पाकिस्तान की टीमें सेमीफाइनल की दौड़ से लगभग बाहर हो गई हैं. 23 जून को लार्ड्स में होने वाले विश्व कप मैच में दोनों की निगाहें जीत दर्ज कर सेमीफाइनल के लिए अपनी बची-खुची आश जिंदा बनाए रखने पर होंगी.

दक्षिण अफ्रीका ने छह मैचों में केवल तीन अंक ही हासिल किए हैं और वह टूर्नामेंट से लगभग बाहर ही हो गई है, जबकि पाकिस्तान अभी भी सेमीफाइनल में प्रवेश कर सकता है. लेकिन ऐसा तभी हो सकता है जब वह अपने बचे हुए चारों मैच जीत ले और अन्य मैचों के परिणाम भी उसके पक्ष में जाएं.

पाकिस्तान को टूर्नामेंट के शुरूआती मैच में वेस्टइंडीज ने पस्त किया और कई ने इसकी तुलना 1992 में शुरूआत की तरह की जिसमें उन्होंने खिताब हासिल किया था.

इसके बाद 16 जून को भारत से मिली करारी शिकस्त के बाद समर्थकों की उम्मीदें भी टूट गई. यह हैरानी की बात नहीं है कि प्रशंसकों ने सरफराज अहमद के नेतृत्व वाली टीम की आलोचना में थोड़ा संयम दिखाया और कहीं से भी गुटबाजी की बातें सामने नहीं आईं.

पूर्व कप्तान शाहिद अफरीदी ने शोएब अख्तर के यूट्यूब चैनल पर बातचीत के दौरान कहा, ‘‘पाकिस्तान क्रिकेट में टीम के खराब प्रदर्शन के बाद कड़ी आलोचना आम बात है. उम्मीदें हमेशा काफी ज्यादा होती हैं. ’’

भारत के खिलाफ मैच में गेंदबाजी में मोहम्मद आमिर एकमात्र खिलाड़ी थे जिन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया और टीम की बल्लेबाजी और फील्डिंग ने फिर निराश किया.

दक्षिण अफ्रीका ने अपने निराशाजनक अभियान में गलतियों से सीख नहीं ली. न्यूजीलैंड के खिलाफ पिछले मैच में उन्होंने कुछ बेहतर किया लेकिन अंत में मुकाबला हार गए.

मुख्य कोच ओटिस गिब्सन ने कहा कि टीम का लक्ष्य बचे हुए मैचों में बेहतर खेल दिखाना है. उन्होंने कहा, ‘‘हमें अब भी तीन मैच खेलने है और मैं चाहूंगा कि हम कम से कम उतना बेहतर तो करें जितना हम कर सकते हैं.’’

लेग स्पिनर इमरान ताहिर और बल्लेबाज जेपी डुमिनी टीम का अभियान समाप्त होने के बाद वनडे से संन्यास ले लेंगे.

यह लार्ड्स में विश्व कप का पहला मैच होगा और यह देखना होगा कि पिच कैसे बर्ताव करती है.


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