रजनीकांत को सुपरस्टार बनाने वाले निर्देशक जे महेंद्रन का निधन


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साउथ की फिल्मों के मशहूर फिल्म निर्देशक जे महेंद्रन का सुबह निधन हो गया. महेंद्रन की मौत चेन्नई के एक प्राइवेट अस्पताल में हुई. वह 79 वर्ष के थे. महेंद्रन ने साल 1978 में आई रजनीकांत की फिल्म मुल्लुम मालारुम से एक निर्देशक के तौर पर डेब्यू किया था.

उन्हें कुछ दिनों पहले अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां वह डायलिसिस पर थे. एक अप्रैल को स्वास्थ्य में सुधार होने पर हॉस्पिटल से उन्हें छुट्टी दे दी गई थी.

उनका पार्थिव शरीर आम जनता के दर्शन के लिए चेन्नई में उनके निवास स्थान पर रखा गया है. शाम पांच बजे उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. महेंद्रन की दो बेटियां और एक बेटा हैं.

फिल्म मुल्लुम मालारुम रजनीकांत के करियर की सबसे बेहतरीन फिल्मों में से एक है. इस फिल्म के बाद ही रजनीकांत सबकी नजरों में आए थे.

अपने एक इंटरव्यू के दौरान महेंद्रन ने कहा था कि आजकल के डायरेक्टर यह नहीं जानते कि रजनीकांत कितने अच्छे आर्टिस्ट हैं. वह सिर्फ उनकी स्टाइल के बारे में जानते हैं. यह बात सिर्फ मुझे पता है कि मुल्लुम मालारुम में अपने किरदार काली को उन्होंने कितनी आसानी से निभाया था. वह एक बेहतरीन आर्टिस्ट हैं जिनके लिए सब कुछ बहुत आसान है.

उथिरीपोक्कल, नेनजाथाई किल्लाधे, जॉनी और काली उनकी प्रतिष्ठित फिल्मों में से एक हैं.

सिनेमा से महेंद्रन के लगाव से हर कोई वाकिफ है. कॉलेज के दिनों में उन्हें मदुरई के अलगप्पा कॉलेज में एमजीआर के नादोदी मन्नान के 100 दिवसीय समारोह में एक सभा को संबोधित करने का अवसर मिला था.

एक प्रमुख अंग्रेजी दैनिक के हवाले से उन्होंने कहा “मुझे एमजीआर के सामने तमिल सिनेमा की आलोचना करने का मौका मिला. बाद में, उन्होंने मुझे एक प्रेस मीटिंग में देखा और घर ले गए और मुझे पोन्नियिन सेल्वन की कांपी दी. यह पटकथा लेखक के रूप में मेरी यात्रा की शुरुआत थी.

महेंद्रन एक मजे एक्टर भी थे. निर्देशक एटली की फिल्म थेरी में उन्होंने अपने अभिनय कौशल से दर्शकों को प्रभावित किया. उन्होंने निमोर, श्री चंद्रमौली, सीताकाठी और पेट्टा कुछ फिल्मों में भी काम किया.


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