रियल एस्टेट पर जीएसटी दर में बदलाव पर राज्यों से नहीं बनी सहमति
जीएसटी परिषद ने रियल एस्टेट और लॉटरी पर जीएसटी दर में बदलाव के विषय में निर्णय 24 फरवरी तक के लिए टाल दिया है.
कुछ राज्यों ने मांग की कि इस मुद्दे पर फैसला लेने से पहले परिषद के सदस्यों की आमने सामने उपस्थिति में चर्चा करा लेना चाहिए. यह मांग करने वालों में गैर राजग दलों की सरकार वाले राज्य थे. इसके बाद फैसले को अगली बैठक के लिए टाल दिया गया है.
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद की 33वीं बैठक वीडियो कांफ्रेंस के जरिए हुई.
परिषद ने जनवरी महीने के लिये कंपनियों को बिक्री का रिटर्न जीएसटीआर-3बी दायर करने की अंतिम तिथि दो दिन बढ़ाकर 22 फरवरी कर दी है.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, ‘ ‘हर घंटे हजारों रिटर्न दाखिल किए जा रहे हैं. विवरण प्रस्तुत करने की इस गति को देखते हुए जीएसटी परिषद को सुझाव दिया गया था कि सभी राज्यों में कर विवरण प्रस्तुत करने की समय-सीमा दो दिन बढ़ा दी जानी चाहिए. जम्मू-कश्मीर जैसे कुछ क्षेत्रों के लिये जहां दिक्कतें आ रही हैं, समयसीमा को 28 फरवरी तक बढ़ाने का सुझाव दिया गया था. इसलिए हमने यह यह निर्णय लिया.’’
जेटली ने कहा कि बैठक में रीयल एस्टेट पर बने मंत्रियों के समूह की रिपोर्ट पर भी विचार किया गया. चूंकि कुछ राज्य अंतिम निर्णय से पहले आमने-सामने बैठक कर चर्चा कराने की मांग कर रहे थे, इसलिए 24 फरवरी को अगली बैठक के बाद निर्णय लिया जाएगा.
बैठक में लॉटरी पर जीएसटी दर को लेकर विचार नहीं किया गया है.
जेटली ने कहा, ‘‘वीडियो कांफ्रेंस के जरिये हुई आज की चर्चा अधूरी रही. चर्चा में कुछ राज्यों के मंत्रियों ने अपनी बात रख दी है. कुछ अन्य अपने विचार रखने वाले हैं. हम कोशिश करेंगे और इस बारे में रविवार को निर्णय लेंगे. अत: बैठक रविवार तक के लिये स्थगित कर दी गई. ’’
बैठक के दौरान दिल्ली और केरल ने रीयल एस्टेट तथा लॉटरी जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर निर्णय से पहले प्रत्यक्ष तौर पर उपस्थित होने की मांग की. पंजाब के प्रतिनिधि ने जीएसटी दर पर निर्णय करते हुए जमीन की लागत को शामिल करने से संबंधित तकनीकी मुद्दा उठाया.
जेटली ने कहा, ‘‘मैं आम सहमति में विश्वास रखता हूं. कुछ राज्यों ने आमने सामने बातें करने का पक्ष रखा. रविवार तक के लिये बैठक टाल दी गई है.’’
बैठक के दौरान बिहार ने किफायती आवास क्षेत्र के लिये जीएसटी दर घटाकर एक प्रतिशत करने की मांग की. बिहार ने यह भी कहा कि यदि किसी मामले में 90 प्रतिशत जमीन का इस्तेमाल रिहायशी उद्देश्य के लिये और शेष 10 प्रतिशत का इस्तेमाल व्यावसायिक उद्देश्य के लिये हो तो ऐसी स्थिति में इसे जीएसटी के संदर्भ में आवासीय संपत्ति माना जाना चाहिये.
जीएसटीआर-3बी दायर करने की अंतिम तिथि 20 फरवरी को समाप्त हो रही है.