सुन्नी वक्फ बोर्ड ने मस्जिद निर्माण के लिए दी गई जमीन स्वीकार की
उत्तर प्रदेश केंद्रीय सुन्नी वक्फ बोर्ड ने अयोध्या भूमि विवाद फैसले में मस्जिद निर्माण के लिए दी गई पांच एकड़ जमीन को स्वीकार कर लिया है. लखनऊ में हुई बैठक में बोर्ड ने यह फैसला लिया.
बोर्ड ने अयोध्या से तीस किलोमीटर पहले लखनऊ-गोरखपुर राजमार्ग के पास धन्नीपुर में मस्जिद निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाने का फैसला किया है. मस्जिद के साथ बोर्ड ने आवंटित की गई पांच एकड़ जमीन पर इंडो-इस्लामिक रिसर्च सेंटर, अस्पताल और लाइब्रेरी बनाने का फैसला भी किया है.
उत्तर प्रदेश केंद्रीय सुन्नी वक्फ बोर्ड में अलग-अलग क्षेत्रों के आठ लोग शामिल हैं. बोर्ड अयोध्या भूमि विवादों के मुख्य पक्षकारों में शामिल था.
बोर्ड के अध्यक्ष जफर फारुकी ने कहा, ‘स्थानीय जरूरतों को ध्यान में रखते हुए मस्जिद का आकार निर्धारित किया जाएगा.’
इससे पहले इस महीने की शुरुआत में सुन्नी वक्फ बोर्ड को भूमि आवंटित की गई थी.
पिछले साल 9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसले में दशकों से चले आ रहे अयोध्या भूमि विवाद का अंत करते हुए पूरी 67 एकड़ जमीन मंदिर निर्माण के लिए पक्षकार रामलला विराजमान को दे दी थी. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद निर्माण के लिए उत्तर प्रदेश सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ जमीन देने का निर्देश दिया था.