ईवीएम मामला: सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से जवाब मांगा


SC issues notice to center plea against Transgender act

 

सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम से जुड़े एक मामले में चुनाव आयोग से चार हफ्ते के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है. कोर्ट ने ईवीएम मामले में एक पत्रकार की याचिका पर आयोग को यह निर्देश दिया है.

पत्रकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी याचिका में यह दावा किया है कि चुनाव में इस्तेमाल होने वाली ईवीएम की जांच निजी कंपनियों से करवाई जा रही है.

कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई के लिए छह हफ्ते बाद की तारीख तय की है.

विपक्षी नेता आगामी चुनावों में ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से चुनाव करने पर जोर देने जा रहे हैं. अलग-अलग विपक्षी दलों के शीर्ष नेता ईवीएम से कथित छेड़छाड़ और बैलेट पेपर से चुनाव कराने के मुद्दे पर एक साथ आए हैं.

ईवीएम के मुद्दे पर टीएमसी (तृणमूल कांग्रेस) समेत देशभर की 22 विपक्षी पार्टियां एकजुट हुई हैं. ये सभी विपक्षी पार्टियां को निर्वाचन आयोग गई हैं.

वहीं ईवीएम से कथित छेड़छाड़ के मुद्दों को लेकर विपक्षी पार्टियों के प्रतिनिधि मुख्य चुनाव आयुक्त से मुलाकात करेंगी. विपक्षी पार्टियां इस मुलाकात में ईवीएम से कथित छेड़छाड़ के हल को लेकर आयोग को सुझावों से जुड़ी ज्ञापन भी देगी.

इससे पहले विपक्षी पार्टियों ने अपनी एक बैठक में कहा था, “ईवीएम को लेकर जनता में भरोसा नहीं है. हम कुछ ऐसा बैकअप सिस्टम बनाना चाहते है ताकि लोगो का भरोसा चुनाव में बन सके.”

कांग्रेस ने पहले भी कई बार यह मांग ऊठाई है कि अगले लोकसभा चुनाव में ईवीएम के उपयोग के साथ—साथ वीवीपैट की 50 फीसदी पर्चियों के मिलान की भी व्यवस्था हो.


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