भूमि अधिग्रहण मामले में सुनवाई से अलग नहीं होंगे जस्टिस मिश्रा


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सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि जस्टिस अरुण मिश्रा भूमि अधिग्रहण में उचित मुआवजा एवं पारदर्शिता का अधिकार, सुधार तथा पुनर्वास अधिनियम, 2013 की धारा 24(2) की व्याख्या कानून के प्रावधानों को चुनौती देने संबंधी मामले की संविधान पीठ में सुनवाई से अलग नहीं होंगे.

जस्टिस अरुण मिश्रा की अगुवाई वाली पांच जजो की संविधान पीठ ने फैसला सुनाया और कहा, ‘मैं मामले की सुनवाई से अलग नहीं हट रहा हूं.’

कई किसान संगठनों और व्यक्तियों ने मामले की सुनवाई में न्यायमूर्ति मिश्रा के शामिल होने पर आपत्ति जताई है. उनकी दलील है कि वह पिछले साल फरवरी में सुप्रीम कोर्ट की तरफ से सुनाए गए फैसले में पहले ही अपनी राय रख चुके हैं.

संविधान पीठ के अन्य सदस्यों में जस्टिस इंदिरा बनर्जी, जस्टिस विनीत सरण, जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस एस रवींद्र भट्ट शामिल हैं.

संविधान पीठ ने मामले से जुड़े पक्षों से कानूनी प्रश्न सुझाने को कहा है जिन पर अदालत फैसला सुनाएगी.


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