ममता बनाम मोदी: राजीव कुमार से होगी पूछताछ, गिरफ्तारी पर रोक


hearing against abrogation of article 370 to be on 14 november

 

सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को शारदा चिटफंट मामले में कोलकाता के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार से पूछताछ करने की इजाजत दे दी है. हालांकि कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी या किसी तरह की अनुशासनात्मक कार्रवाई पर पूरी तरह से रोक भी लगा दी है. साथ ही कोर्ट ने आदेश दिया है कि राजीव कुमार से निष्पक्ष स्थान, शिलांग में पूछताछ की जाए.

सुनवाई के दौरान अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था चरमरा गई है. अटार्नी जनरल ने 2014 के सुप्रीम कोर्ट के उस निर्णय का हवाला दिया जिसमें शारदा चिटफंड मामले की जांच का आदेश दिया गया था.

अटार्नी जनरल ने सुप्रीम कोर्ट से इसे कोर्ट की अवमानना करार देने की मांग की. कोर्ट ने इसे गंभीरता से लेते हुए पश्चिम बंगाल सरकार के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और राजीव कुमार को नोटिस जारी किया. कोर्ट ने तीनों अधिकारियों से 18 फरवरी तक अपना जवाब दाखिल करने को कहा है.

उधर इसी मामले में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपना बयान जारी करते हुए इसे अपनी नैतिक जीत बताया है. ममता सीबीआई की कार्रवाई के विरोध में बीते रविवार से ही धरने पर बैठी थीं.

पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि ये समूचा घटनाक्रम राज्य सरकार को परेशान करने की साजिश है. उन्होंने ये भी कहा कि सीबीआई को ये मामला पहले कोलकाता हाई कोर्ट में उठाना चाहिए था.

इससे पहले सीबीआई की ओर से राजीव कुमार पर सबूत नष्ट करने का आरोप भी लगाया गया था. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस आरोप को निराधार बताया.

सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई ने यह अर्जी कोलकाता में घटे सनसनीखेज राजनीतिक घटनाक्रम के बाद दायर की थी. चिटफंड घोटाले की जांच कर रही सीबीआई की एक टीम रविवार रात कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के घर पहुंची थी.

जिसके बाद मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कोलकाता पुलिस और सीबीआई के बीच हाथापाई की नौबत आ गई.

सीबीआई के इस कदम के खिलाफ ममता बनर्जी धरने पर बैठ गई थीं. वहीं, सीबीआई ने आरोप लगाया था कि कोलकाता पुलिस कमिश्नर जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं.


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