एएमयू: सात सदस्यीय पीठ करेगी अल्पसंख्यक दर्जे पर फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय को अल्पसंख्यक संस्थान
का दर्जा देने का मामला सात सदस्यीय संविधान पीठ को सौंप दिया है.
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने शिक्षण संस्थाओं को अल्पसंख्यक दर्जा देने के लिए मानदंड परिभाषित करने का मुद्दा संविधान पीठ को सौंपा है.
यूपीए सरकार ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के 2006 के फैसले के खिलाफ अपील दायर की थी. हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय अल्पसंख्यक संस्थान नहीं है. विश्वविद्यालय प्रशासन ने भी हाई कोर्ट के इस फैसले को अलग से सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे रखी है.
बीजेपी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार ने 2016 में सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि वह
यूपीए सरकार की तरफ से दायर अपील वापस लेगी. बीजेपी सरकार का कहना था कि 1968 में अजीज बाशा मामले में पांच सदस्यीय
संविधान पीठ ने कहा था कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय अल्पसंख्यक संस्थान नहीं बल्कि
केन्द्रीय विश्वविद्यालय है.
संविधान पीठ के 1968 के फैसले के बाद अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (संशोधन) कानून, 1981 प्रभावी हुआ था.
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जनवरी, 2006 में कानून के उस प्रावधान को निरस्त कर दिया था
जिसमें विश्वविद्यालय को अल्पसंख्यक दर्जा दिया गया था.