शारदा चिटफंड घोटाला: जांच की निगरानी से सुप्रीम कोर्ट का इनकार
सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में शारदा चिटफंड घोटाले की सीबीआई जांच की निगरानी करने से इनकार कर दिया है.
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने इस मामले में कुछ निवेशकों के अनुरोध को ठुकरा दिया. इन निवेशकों ने अपने आवेदन में कहा था कि कोर्ट ने सीबीआई को चिटफंड घोटाले की जांच का आदेश 2013 में दिया था. इसके बावजूद यह जांच अभी तक पूरी नहीं हुई है.
पीठ ने कहा, “हम चिटफंड घोटाले की जांच पर नजर रखने के लिए निगरानी समिति गठित करने के इच्छुक नहीं हैं.”
इससे पहले कोर्ट ने घोटाले की जांच वर्ष 2013 में सीबीआई को सौंप दी थी.
सीबीआई की एक टीम तीन फरवरी को इस जांच के सिलसिले में कोलकाता के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार से पूछताछ के लिए उनके आवास गई थी.
तब कोलकाता पुलिस ने सीबीआई कर्मियों को हिरासत में ले लिया था. इसके बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राजीव कुमार के समर्थन में धरने पर बैठ गई थी.
बाद में इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पांच फरवरी को राजीव कुमार को सीबीआई के समक्ष पेश होने और पूरी ईमानदारी के साथ जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया था. कोर्ट ने आदेश दिया था कि इस दौरान राजीव कुमार को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा.
शारदा चिटफंड घोटाले की जांच नौ मई, 2014 को सीबीआई को सौंपे जाने से पहले इसकी जांच के लिए गठित विशेष जांच दल का नेतृत्व राजीव कुमार कर रहे थे.
सीबीआई का आरोप था कि राजीव कुमार ने इस घोटाले के प्रमुख और संभावित आरोपियों के कॉल डिटेल रिकार्ड जैसी महत्वूपर्ण सबूत नष्ट कर दी है और उसके साथ छेड़छाड़ की है.