दशकों बाद सुप्रीम कोर्ट को मिलेगा एक दलित जज


review petition filed in ayodhya verdict

 

सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने बम्बई हाई कोर्ट के जज जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई और हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस सूर्य कांत के नाम सुप्रीम कोर्ट के जज के लिए प्रस्तावित किए हैं. सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एसए बोवडे, जस्टिस एनवी रमन्ना, जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस आरएफ नरीमन शामिल हैं. इस कॉलेजियम की बैठक 8 मई 2019 को हुई थी.

जस्टिस केजी बालकृष्णन के बाद जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई ऐसे दूसरे दलित जज होंगे जो सुप्रीम कोर्ट के मुख्य जज बनेंगे. वे 3 मई 2019 को जस्टिस संजीव खन्ना के रिटायर होने के बाद 23 नवंबर 2025 तक इस पद पर रहेंगे. इसके जस्टिस सूर्य कांत 9 फरवरी 2027 तक सीजेआई के पद पर रहेंगे.

यह बात याद रखने के योग्य है कि जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई जस्टिस लोया की मौत के दौरान उनके साथ थे. जस्टिस लोया की मौत रहस्यमय स्थितियों में हुई थी. जस्टिस लोया सोहराबुद्दीन शेख के फर्जी एनकांउटर मामले में सुनवाई कर रहे थे.

इस मामले में भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह एक आरोपी थे. जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई ने जस्टिस लोया की मौत को लेकर घटनाक्रम का ब्योरा दिया था. जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई के ब्योरे को चुनौती देते हुए एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में डाली गई थी. इस याचिका में पूरे मामले की जांच की मांग की गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया था.


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