इस्लामी सहयोग संगठन की बैठक के लिए पहली बार भारत को आमंत्रण
मुस्लिम बहुल देशों के सबसे बड़े संगठन ओआईसी के विदेश मंत्रियों के उद्घाटन पूर्ण सत्र में भारत को आमंत्रित किया गया है. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज एक और दो मार्च को अबू धाबी में आयोजित सत्र में ‘गेस्ट ऑफ ऑनर’ के तौर पर शरीक होंगी.
विदेश मंत्रालय ने इस न्योते को भारत में 18. 5 करोड़ मुसलमानों की मौजूदगी और इस्लामी जगत में भारत के योगदान को मान्यता देने वाला कदम बताया है.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि ऐसा पहली बार हुआ है कि जब इस्लामी सहयोग संगठन (ओआईसी) की बैठक में ‘गेस्ट ऑफ ऑनर’ के तौर पर भारत को आमंत्रित किया गया है. ओआईसी के विदेश मंत्रियों की परिषद का 46वां सत्र एक और दो मार्च को अबू धाबी में होगा.
ओआईसी आमतौर पर पाकिस्तान का समर्थन करता रहा है और कश्मीर मुद्दे पर अक्सर ही पाकिस्तान का पक्ष लेता है.
विदेश मंत्रालय ने बताया है कि संयुक्त अरब अमीरात के विदेश मंत्री शेख अब्दुल्ला बिन जायद अल नाहयान ने सुषमा को गेस्ट ऑफ ऑनर के तौर पर आमंत्रित किया है. भारत इस न्योते को स्वीकार कर खुश है.
आईओसी यूनाईटेड नेशन्स के बाद दूसरा सबसे बड़ा अंतर-सरकारी संगठन है. चार महादेशों के 57 देश इसके सदस्य हैं. यह संगठन अपने आप को ‘मुसलमानों की दुनिया की सामूहिक आवाज’ बताता है. इसका उद्देश्य इस्लामिक दुनिया के हितों की रक्षा करना और दुनिया के लोगों में शांति और भाईचारा स्थापित करना है.
ज्यादातर मुसलमान बहुल देश इसके सदस्य हैं. संगठन में रूस, थाईलैंड और कुछ अन्य छोटे देशों को आब्जर्वर का दर्जा मिला हुआ है. मई 2018 में विदेश मंत्रियों का समिट बांग्लादेश में हुआ था. इसमें भारत को आब्जर्वर का दर्जा देने की बात हुई थी क्योंकि भारत में दुनिया की 10 फीसदी मुसलमान आबादी रहती है. लेकिन पाकिस्तान ने इसका विरोध किया था.