बहुत रोचक है पहले अंतरराष्ट्रीय एकदिवसीय क्रिकेट मैच की कहानी
30 मई को एकदिवसीय क्रिकेट वर्ल्ड कप 2019 का पहला मुकाबला खेला जाएगा. इसे लेकर सारी तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं. देश दुनिया के लाखों क्रिकेट प्रशंसक इंग्लैंड में इकट्ठा हो चुके हैं. एकदिवसीय क्रिकेट को लेकर दीवानगी चरम पर है.
एकदिवसीय क्रिकेट को लेकर जो दीवानगी आज हम देख रहे हैं, उसकी शुरूआत की कहानी बहुत रोचक है. सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात तो ये है कि पहला अंतरराष्ट्रीय एकदिवसीय क्रिकेट मैच अपनी शुरुआत के आठ साल बाद हड़बड़ी में खेला गया.
साल 1971 में पहला एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेला गया. अगले 24 साल के बाद 1000वां एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच खेला गया. अगले आठ साल में यह संख्या बढ़कर 2000 हुई. 3000 तक पहुंचने में इसे लगभग सात वर्ष लगे.
खैर अब हम मुख्य कहानी पर आते हैं. यह साल 1961 था. इंग्लैंड में डोमेस्टिक काउंटी चैंपियनशिप खेली जा रही थी. मैचों में दर्शकों की संख्या लगातार घटती जा रही थी. आयोजकों के लिए यह बड़ी चिंता की बात थी.
1947 की गोल्डन समर में काउंटी मैच देखने के लिए 2,200,910 दर्शक आए थे. 1961 के आते-आते यह संख्या घटकर 969,382 रह गई थी. वहीं 1963 में यह और भी ज्यादा घटकर 719,661 हो गई.
दर्शकों की लगातार घट रही संख्या को लेकर आयोजक परेशान थे. इस समस्या का हल निकालने के लिए क्रिकेट इनक्वाइरी समिति बनाई गई. समिति ने सुझाव दिया कि या तो मैच रविवार को खेले जाएं या फिर नॉक आउट टूर्नामेंट का आयोजन किया जाए. यहीं से इंग्लैंड में मिडलैंड नॉक आउट कप की शुरुआत हुई. हालांकि, अभी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एकदिवसीय क्रिकेट को आजमाया जाना बाकी था.
यह 1970-71 की बात है. इंग्लैंड की टीम ऑस्ट्रलिया के दौरे पर गई थी. मेलबर्न में तीसरा टेस्ट खेला जाना था. आयोजकों को डर था कि ये मैच अगर ड्रॉ हो जाता है तो क्रिकेट पर ही सवाल उठने शुरू हो जाएंगे.
आयोजकों की इन चिंताओं को बारिश ने और बढ़ा दिया. बारिश की वजह से टेस्ट मैच के पहले तीन दिन खराब हो गए. आयोजकों ने फैसला लिया कि सीरीज के अंत में एक अतिरक्त टेस्ट का आयोजन किया जाएगा. आयोजकों के इस सुझाव पर इंग्लैंड के खिलाड़ी नाराज हो गए.
इंग्लैंड के खिलाड़ियों का कहना था कि वे 40 दिन के भीतर सात टेस्ट मैच नहीं खेल सकते. इसके साथ ही उन्हें मैच खेलने के लिए एक्स्ट्रा फीस चाहिए.
इंग्लिश खिलाड़ियों की इस जिद के बाद आयोजकों के चेहरों पर चिंता की लकीरें और अधिक बढ़ गईं. इस मैच में उनके 80,000 यूरो लगे थे. इसके अलावा उन्हें दर्शकों को भी कुछ दिखाना था. ऐसे में फैसला लिया गया कि टेस्ट मैच के अंतिम दिन 40-40 ओवरों का एकदिवसीय मैच खेला जाएगा. इस तरह पहला अंतरराष्ट्रीय एकदिवसीय मैच खेला गया. इसमें ऑस्ट्रेलिया ने पांच विकेट से जीत दर्ज की.