टॉप 100 में भारत का कोई शहर नहीं


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ग्लोबल लिवेबिलिटी इंडेक्स की ताजा रैंकिंग में रहने के लिहाज से टॉप 100 शहरों में भारत का एक भी शहर नहीं है. 140 शहरों में दिल्ली 118वें नंबर पर और मुंबई 119वें नंबर पर है.

ऑस्ट्रिया का वियाना और ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न और सिडनी शहर इस लिस्ट में टॉप शहरों में हैं. वहीं, सीरिया का दमाकस, नाइजीरिया का लागौस और बांग्लादेश का ढाका रैंकिंग में सबसे नीचे है.

रिपोर्ट में दिल्ली की हवा की गुणवत्ता को चिंताजनक बताया गया है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के ग्लोबल एम्बिएंट एयर क्वालिटी डेटा बेस 2018 के मुताबिक नई दिल्ली दुनिया का छठा सबसे अधिक प्रदूषित शहर है.

इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट के ग्लोबल लिवेबिलिटी इंडेक्स 2019 में मुंबई और दिल्ली का खराब प्रदर्शन रहा है. पिछले साल की तुलना में दिल्ली और मुंबई दोनों शहरों की रैंकिंग में गिरावट दर्ज की गई है.

नई दिल्ली के ग्लोबल लिवेबिलिटी इंडेक्स में पिछले साल के मुकाबले इस साल छह अंक की गिरावट आई है. इसके अलावा अपराध में भी बढ़ोत्तरी हुई है.

मुंबई की संस्कृति में गिरावट की वजह से इस साल उसके इंडेक्स में दो अंकों की गिरावट आई है.

कई शहरों में यह गिरावट जलवायु परिवर्तन की वजह से आई है. इसमें भारत का दिल्ली, मिस्र का काहिरा और बांग्लादेश का ढाका शहर शामिल है.

ग्लोबल लिवेबिलिटी इंडेक्स 2019 दुनिया भर के रहने लायक शहरों की ताजा रैंकिंग है. यह रैंकिंग शहर में उपलब्ध शिक्षा, स्वास्थ्य, आधारभूत संरचना, संस्कृति, शांति और वातावरण के आधार पर की जाती है.

इंडेक्स से रहने के लिहाज से बेहतरीन और सबसे खराब देशों के बारे में पता चलता है. मूल्यांकन के कारक को स्वीकार्य, सहनीय  असुविधाजनक या असहनीय– इन चार मानकों में से किसी एक को चुना जाता है.


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