हर तीसरी महिला वकील यौन उत्पीड़न का शिकार: अध्ययन


third of female lawyers is harassed finds international bar association study

  www.wsj.com (The Wall Street Journal)

अंतरराष्ट्रीय बार एसोशियेशन (आईबीए) के अध्ययन में सामने आया है कि कानूनी पेशे में हर तीन में से एक महिला यौन उत्पीड़न का शिकार होती है. रिपोर्ट में कहा गया है कि कार्य क्षेत्र में महिलाएं वरिष्ठ पदों पर बैठे पुरूषों और सहकर्मियों की वजह से यौन उत्पीड़न का सामना करती हैं.

15 मई को प्रकाशित आईबीए की रिपोर्ट में बताया गया है कि यौन उत्पीड़न का सामना करने वाली 75 फीसदी महिलाएं उत्पीड़न के खिलाफ ना तो आवाज उठाती हैं और ना ही कोई शिकायत दर्ज कराती हैं.

135 देशों के सात हजार लोगों की अनुभवों के आधार पर आईबीए ने रिपोर्ट तैयार की है. साथ ही अध्ययन अधिकतर पश्चिमी देशों में लोगों के अनुभवों पर केन्द्रित है.

आईबीए का मानना है कि विश्व भर में कानूनी पेशे में किया गया ये अब तक का सबसे बड़ा अध्ययन है.

अध्ययन में कहा गया है कि अधिकतर महिलाएंं अपने से वरिष्ठ पद पर बैठे आरोपी और कार्रवाई के डर से शिकायत नहीं करती हैं.

अध्ययन में पेश आंकड़ों से पता चलता है कि कानूनी पेशे में सात फीसदी पुरूष यौन उत्पीड़न का सामना करते हैं.

सर्वे में शामिल हुए स्वीडिश कानूनी संस्था के एक पुरूष ने कहा, “कौन विश्वास करता कि एक पुरूष ने शारीरिक संबंधों को ना कहा होगा, ये सोच कर मैंने शिकायत नहीं दर्ज कराई.”

रिपोर्ट से पता चलता है कि ज्यादातर पीड़ितों ने विश्व भर में पहुंच रहे ‘मीटू आंदोलन’ की सराहना की है.

आईबीए ने अध्ययन में पाया कि जिन लोगों ने यौन उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाई या शिकायत दर्ज कराई, उन्हें उनके मलिकों की ओर से परेशानी का सामना करना पड़ा.

130 पन्नों की रिपोर्ट से पता चलता है कि आधे से ज्यादा मामलों में शिकायत पर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए. रिपोर्ट कहती है आधी से ज्यादा शिकायतों के प्रभाव में कुछ भी नहीं बदला, इसके उलट स्थितियां खराब हुईं.

रिपोर्ट से पता चलता है कि सेक्स क्राइम पर खुल कर बोलने वाले प्रगतिशील देशों में भी यौन उत्पीड़ित  खुलकर अपनी बात नहीं रख पा रहे हैं. रिपोर्ट में इस समस्या को पर्सेप्शन पैराडॉक्स (धारणा में विरोधाभास) कहा गया है.

रिपोर्ट कहती है कि उत्पीड़न लोगों को उनके कार्य क्षेत्र से दूर कर रहा है. रिपोर्ट कहती है कि अध्ययन से कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं, जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.


Big News